बिजली चोरी के मामले के बाद काटी गई संभल सांसद के घर की बिजली आपूर्ति

अधिकारियों का दावा है कि समाजवादी पार्टी के संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर पर लगे दो बिजली मीटरों में छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं।

उत्तर प्रदेश बिजली विभाग ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क की बिजली आपूर्ति काट दी, क्योंकि अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उनके आवास पर दो बिजली मीटरों से छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं। गुरुवार सुबह अधिकारियों द्वारा उनके घर की जांच के बाद उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। बर्क हाल ही में संभल में एक मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा का मुख्य आरोपी है , जिसमें चार लोग मारे गए थे।

अधिकारियों के अनुसार, सांसद के घर पर दो बिजली मीटरों में छेड़छाड़ के सबूत मिले हैं। सांसद जिला विद्युत समिति के अध्यक्ष भी हैं। बिजली चोरी निरोधक अधिनियम की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बिजली विभाग ने पहले सांसद के घर से पुराने मीटर उतारकर उन्हें सील कर दिया था और जांच के लिए लैब में भेज दिया था। अधिकारियों के अनुसार, सांसद के घर के वार्षिक बिजली बिल में शून्य खपत दिखाई गई थी।

आज के निरीक्षण का उद्देश्य स्थापित किए गए नए मीटरों की रीडिंग की जांच करना तथा एयर कंडीशनर, पंखों और अन्य विद्युत उपकरणों के लोड का आकलन करना था।

संभल के उपमंडल अधिकारी संतोष त्रिपाठी ने बताया, “बिजली के लोड की गणना की जा रही है। पहली और दूसरी मंजिल के कुछ कमरों में ताले लगे हैं।”

भारी पुलिस बल की तैनाती पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रीश चंद्र ने कहा कि बिजली विभाग द्वारा पुलिस की मौजूदगी की मांग के बाद वे वहां पहुंचे। अधिकारी ने कहा, “उन्हें पर्याप्त बल मुहैया कराया गया है ताकि वे अपना काम सुचारू रूप से कर सकें। पुलिस बल यहां मौजूद है और सुचारू संचालन सुनिश्चित करेगा। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।”

24 नवंबर को संभल में एक मस्जिद के कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वेक्षण का विरोध करने पर बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी । झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई। सर्वेक्षण एक याचिका पर आधारित था जिसमें दावा किया गया था कि मुगलों ने मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को नष्ट कर दिया था।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बर्क पर राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनके भाषणों ने भीड़ को उकसाया, जिसका सांसद और उनकी पार्टी ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा के पीछे भाजपा का हाथ है।

बुधवार 18 दिसंबर को बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संभल हिंसा के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की भी मांग की है।

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