
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास सहित 13 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 5,590 करोड़ रुपये के अस्पताल निर्माण परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई, जो AAP सरकार के कार्यकाल के दौरान स्वीकृत की गई थीं।

अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 13 स्थानों पर तलाशी ली गई, लेकिन अभी तक जब्त की गई संपत्तियों या वित्तीय अनियमितताओं का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है।
सौरभ भारद्वाज, जो ग्रेटर कैलाश से तीन बार के विधायक हैं, दिल्ली के स्वास्थ्य, शहरी विकास, और जल मंत्री रह चुके हैं। वे दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष और AAP के आधिकारिक प्रवक्ता भी रहे हैं। यह मामला अगस्त 2024 में तत्कालीन विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें 2018-19 में 5,590 करोड़ रुपये की 24 अस्पताल परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। इनमें 11 नए अस्पताल और 13 मौजूदा अस्पतालों का उन्नयन शामिल था।
ED के अनुसार, इन परियोजनाओं में देरी, लागत में बेतहाशा वृद्धि, और धन की हेराफेरी के संदेह हैं। कोई भी अस्पताल समय पर पूरा नहीं हुआ, और सैकड़ों करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत का कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला। एक प्रमुख योजना, 1,125 करोड़ रुपये की ICU अस्पताल परियोजना, जिसमें सात प्री-इंजीनियर्ड सुविधाओं में 6,800 बेड बनाने का लक्ष्य था, भारी खर्च के बावजूद केवल आधी पूरी हुई है।
एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत मंजूरी मिलने के बाद सौरभ भारद्वाज और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपों में परियोजना बजट में हेरफेर, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग, और निजी ठेकेदारों के साथ सांठगांठ शामिल हैं।
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री और AAP नेता आतिशी ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “सौरभ जी के घर पर छापा क्यों पड़ा? क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह नकली है। इस बहस से ध्यान हटाने के लिए यह छापेमारी की गई।” आतिशी ने दावा किया कि जांच का दौर वह समय है जब सौरभ मंत्री भी नहीं थे, और यह मामला पूरी तरह से मनगढ़ंत है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी छापेमारी को प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा, “कल पूरे देश ने मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठाए। जब डिग्री की सच्चाई सामने आई, तो सौरभ भारद्वाज पर छापा मारा गया। सवाल साधारण था- क्या मोदी जी की डिग्री नकली है? जवाब देने के बजाय AAP नेताओं पर छापेमारी कराई गई।” सिसोदिया ने सत्येंद्र जैन का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें तीन साल तक जेल में रखा गया, लेकिन CBI और ED को कुछ नहीं मिला, जिससे साबित होता है कि AAP नेताओं पर मामले झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं।