आर्थिक वृद्धि दर 7.5% से अधिक रहने की उम्मीद, मोदी सरकार के लिए होगी फायदेमंद

नई दिल्ली| आंकड़ों की मानें तो मोदी सरकार में देश की आर्थिक वृद्धि दर भी विकास की राह पर है। चालू वित्त वर्ष में इसके 7.5 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने रविवार को यह बात कही। विरमानी ने कहा कि अमेरिका चीन के बीच शुल्कों को लेकर छिड़े युद्ध से भारत के पास अमेरिका को अपना निर्यात बढ़ाने का मौका है।

आर्थिक वृद्धि दर 7.5% से अधिक रहने की उम्मीद, मोदी सरकार के लिए होगी फायदेमंद

विरमानी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘पिछले 7 साल से ऊपर नीचे होने के बाद आर्थिक वृद्धि दर पटरी पर लौट रही है।’’ उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर वृहद स्थिरता के रास्ते में प्रमुख जोखिम चुनावी साल में सरकार का निवेश और वित्तीय मजबूती की कीमत पर किया गया सरकारी व्यय है। यदि इससे बचा जा सकता है तो देश चालू वित्तवर्ष में 7.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है।

क्रूड आयल की कीमत में तेजी है चिंता की वजह –

उन्होंने कहा कि हालांकि अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंधों की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी चिंता का विषय है। अमेरिका-चीन शुल्क युद्ध पर एक सवाल के जवाब में विरमानी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव लघु अवधि में पड़ेगा। विरमानी ने हालांकि कहा कि अमेरिका चीन शुल्क युद्ध से भारत के पास अमेरिका को निर्यात बढ़ाने का अवसर है।

विरमानी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में भारत के कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की कि 2035 तक भारत एक बड़ी आर्थिक ताकत होगा। उन्होंने कहा कि यदि इतिहास देखा जाए तो प्रत्येक सरकार चुनावी वर्ष में लोकलुभावन खर्च करती है। देखना होगा कि यह सरकार इसे सीमित रख पाती है या नहीं।

इन वजहों से हो सकती हैं दर में वृद्धि –
इस साल विकास दर में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। एडीबी के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ने, निजी निवेश में बढ़ोतरी होने, एक्सपोर्ट सामान्य रहने और शहरी इलाकों में खपत की ग्रोथ स्थिर रहने से आने वाले दिनों में विकास दर में बढ़ोतरी होगी।

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