EARTH ROTATION DAY: तेज हुई धरती की रफ्तार,धरती को एक चक्कर पूरा करने में 24 घंटे से भी कम समय लग रहा

आपने स्कूलों में पढ़ा होगा कि धरती को अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में 24 घंटे का समय लगता है, लेकिन नई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। धरती अब थोड़ा तेज घूम रही है। अब इसे अपना चक्कर पूरा करने में 0.5 मिली सेकंड कम लग रहा है।

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24 घंटे में 86,4600 सेकंड होते हैं। इतने समय तक धरती अपना एक चक्कर पूरा करती है। लेकिन पिछले साल जून से देखा गया है, इसमें 0.5 मिली सेकंड की कमी आई है।

आज अर्थ रोटेशन डे है, जानिए यह दिन कब और क्यों शुरू हुआ…

लियोन के पेंडुलम मॉडल ने साबित किया धरती घूमती है
हर साल 8 जनवरी को अर्थ रोटेशन डे मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने की वजह है, फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लियोन फौकॉल्ट का योगदान। लियोन ने 1851 में अपने एक मॉडल से साबित किया कि धरती अपनी धुरी पर कैसे घूमती है। 8 जनवरी को इनका जन्मदिन होता है, इसलिए यह दिन अर्थ रोटेशन डे के लिए चुना गया।

470 ईसा पूर्व के करीब कुछ यूनानी खगोलविदों यह दावा किया था कि धरती घूमती है, लेकिन यह नहीं साबित कर सके कि यह सूर्य का चक्कर भी लगाती है। सैकड़ों सालों तक हुए कई अध्ययनों के बाद लियोन ने पहली बार पेंडुलम मॉडल से समझाया कि धरती अपनी ही धुरी पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर भी लगाती है।

कुछ सालों बाद लियोन का पैंडुलम मॉडल काफी फेमस हुआ और धरती के मूवमेंट को देखने के लिए इसका प्रयोग किया जाने लगा।

ब्लड फोबिया के कारण फिजिक्स विषय चुना

पेरिस ने जन्मे लियोन की ज्यादातर शिक्षा घर पर हुई। हायर स्टडी के लिए उन्होंने मेडिसिन विषय को चुना, लेकिन ब्लड देखकर डर लगने के कारण उन्होंने बाद में फिजिक्स को चुना। लियोन ने फोटोग्राफिक प्रक्रिया डॉगोरोटाइप पर काम कर रहे लुइस डॉगेर के साथ काम किया। दुनिया की पहली तस्वीर लेने का श्रेय लुइस डॉगरे को जाता है।

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