दिल्ली में छाई धूल की चादर, हवा 4 सालों के खतरनाक स्तर पर

दिल्ली दिल्लीवासी आसमान में छाए बादलों और धूल की परत के बीच सांस लेने को मजबूर है। वहीं दिल्ली का न्यूनतम तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सीजन के औसत से चार डिग्री अधिक था। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में आर्द्रता 53 फीसदी रही।

 

दिल्ली में छाई धूल

दरअसल राजस्थान से सटे पाकिस्तान बॉर्डर पर तेज रफ्तार से लू चल रही हैं, जिसके चलते राजस्थान, दिल्ली और हरयाणा में भी मौसम ने करवट ली। इसका कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) को माना जा रहा है। जिसके चलते दिल्ली- एनसीआर में प्रदूषण की मात्रा बढ़ोतरी हुई।

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दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए निर्माण कार्यों पर रविवार तक के लिए उपराज्यपाल ने रोक लगा दी थी वहीं लोगों को ज्यादा देर इस माहौल में बाहर न रहने की सलाह भी दी गई है।

दिल्ली-एनसीआर की हवा चौथे दिन भी जहरीली बनी रही, फिलहाल हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद तीनों एमसीडी ने बड़े दर्जे पर दिल्ली में पानी का छिड़काव किया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डाटा के मुताबिक, दिल्ली- एनसीआर में पीएम 10 का स्तर 626 और दिल्ली में 650 दर्ज किया गया वहीं दिल्ली- एनसीआर में पीएम 2।5 का स्तर 162 और दिल्ली में 164 दर्ज किया गया।

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बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक, 0 से 50 के बीच के एयर क्वालिटी इंडेक्स को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51-100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘खतरनाक’ माना जाता है।

वायु प्रदूषण के इस ऊंचे स्तर की वजह से स्वस्थ लोगों पर भी सांस से संबंधित समस्या हो सकती है। और फेफड़ों/ हृदय रोग वाले लोगों पर गंभीर असर पड़ सकता है। घर से बाहर होने वाली हल्की शारीरिक गतिविधियों के दौरान भी सेहत पर पड़ने वाले बुरे असर को अनुभव किया जा सकता है।

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