कम पानी पीने से सर्दियों में बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

ब्रेन स्ट्रोकलखनऊ। प्रदेश में कंपा देने वाली ठंडी है। न्यूरो सर्जन और ब्रेन स्ट्रोक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या करीब दो गुना बढ़ जाती है।

कड़ाके की ठंड में होने वाली मौतों की एक वजह ब्रेन स्ट्रोक भी होता है। ठंड के मौसम में हमारे शरीर में खून गाढ़ा हो जाता है। उसमें लसीलापन बढ़ जाता है।

खून की पतली नलिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे खून का दबाव बढ़ जाता है। खून की धमनियों में क्लॉटिंग होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक की एक बड़ी वजह ब्लड प्रेशर है।

इस बीमारी के लक्षण

-अचानक संवेदनशून्य हो जाना।

-किसी भाग में कमजोरी आ जाना।

-अदरक का सेवन करें, क्योंकि इससे रक्त पतला रहता है।

-मछलियां, अखरोट, सोयाबीन (जिनमें तेल हो) खाएं।

-समझने या बोलने में मुश्किल होना।

भोजन पर दें ध्यान

-ऐसा भोजन करें, जिसमें नमक, कोलेस्ट्रॉल, ट्रांस फैट और सेचुरेटेड फैट की मात्रा क हो।

-एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन ई, सी, ए की मात्रा अधिक हो।

-अदरक का सेवन करें, क्योंकि इससे रक्त पतला रहता है।

-मछलियां, अखरोट, सोयाबीन (जिनमें तेल हो) खाएं।

बचने के तीन तरीके

-दिन भर में थोड़ी-थोड़ी देर में पानी या तरल पदार्थ लेते रहें।

-ठंड से खुद को बचाएं।

-शराब और धुम्रपान का सेवन कम कर दें।

इससे ग्रसित लोग रहे ज्यादा सतर्क

-टाइप-2 डायबिटीज

-हाई बल्ड प्रेशर

-हाइपर टेंशन

-मोटापा

-धूम्रपान, शराब और गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन

-कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर -घटती शारीरिक सक्रिया

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