क्या सच में मौजूद है धरती पर ब्रह्मास्त्र, किस-किस के पास था ये शक्तिशाली अस्त्र…?

बॉलीवुड मूवी ब्रह्मास्त्र के आने के बाद से इन अस्त्र को लेकर लोगों में इसके बारे में जानने की दिलचस्पी काफी बढ़ गयी है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या सच में ब्रह्मास्त्र था? ब्राम्हात्र क्या था और इतना शक्तिशाली कैसे था?

पौराणिक ग्रंथों  जैसे रामायण, महाभारत और अहिबुर्धन्य संहिता इसका वर्णन मिलता है। आधुनिक वैज्ञानिक डॉ. जे राबर्ट ओपेनहाइमर और उनकी टीम ने साल 1939 से 1945 तक एक मिशन चलाया गया जिसका नाम उन्होंने ट्रिनिटी (त्रिदेव) रखा। इस मिशन का उद्देश्य हमारे ग्रंथो महाभारत और गीता का गहन अध्ययन करके ब्रह्मास्त्र की संहारक क्षमता के बारे में जानना था। इस रिसर्च में ये कहा गया है कि ब्रह्मास्त्र की वजह से ही महाभारत के युद्ध में इतनी तबाही मची थी। यह अस्त्र परमाणु बम से भी अधिक विनाकारी था।

ब्रह्मास्त्र पर हुए शोध

विश्व का पहला परमाणु परीक्षण 16 जुलाई 1945 में किया गया। परीक्षण के बाद वैज्ञानिको ने यह माना की महाभारत में परमाणु बम का प्रयोग किया गया था। 42 वर्ष पहले डॉ. पद्मावत विष्णु वर्तक ने अपने शोध के आधार पर कहा था की महाभारत के युद्ध में जिस ब्रह्मास्त्र का प्रयोग हुआ था वह परमाणु बम ही था। उनकी किताब ‘स्वयंभू’ में भी इसका वर्णन मिलता है। ब्रह्मास्त्र क्या है ?

ब्रह्मास्त्र को पुराने समय का परमाणु बम कहना गलत नहीं होगा। क्यूँकि इसका प्रयोग जिस भी युद्ध में किया गया वहां इसने बहुत तबाही मचाही उस स्थान पर जीवन का उदय कई वर्षो तक नहीं हुआ।माना जाता है कि यह एक अचूक और सबसे शक्तिशाली अस्त्र है, इसका संचालन मन्त्र से किया जाता है। यह एक इक्षित,दैविक, रासायनिक और दिव्य मान्त्रिक-अस्त्र है। यदि दो ब्रम्हास्त्र आपस में टकराते है तो प्रलय आ सकती है। इसमें पूरी पृथ्वी के समाप्त होने की स्तिथि उत्पन्न हो जाएगी। ब्रह्मास्त्र के ऐसे परिणाम का वर्णन, महाभारत के सौप्तिक पर्व के अध्याय 13 से 15 में मिलता है।

ब्रह्मास्त्र के प्रयोग के परिणाम

महाभारत के रचियता महर्षी वेद व्यास ने लिखा है कि जहाँ भी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया जायेगा वहाँ कम से कम 12 वर्षो तक कोई भी जिव-जन्तु, पेड़-पौधों की उत्पत्ति नहीं हो पाती है। जापान के शहर हिरोशिमा में हुए परमाणु हमले के बाद वहां जो रेडिएशन फैला उससे वाहाँ की सबहि महिलाओ के गर्भ नष्ट हो गए। वाहाँ12 साल तक कोई भी फसल नहीं पैदा हुई। प्रत्येक अस्त्र-शस्त्र पर अलग अलग देवी देवताओ का ाधियाक होता है और ये अस्त्र यन्त्र, तंत्र और मन्त्र से संचालित होते है। ब्रह्मास्त्र इतना शक्तिशाली है की इसका सामना दूसरा ब्रह्मास्त्र ही कर सकता है।

ब्रह्मास्त्र का निर्माण किसने किया

ब्रह्मास्त्र का अर्थ है ब्रह्म यानि ईश्वर का अस्त्र।  ब्रह्मा जी सृष्टि के रचियता थे, इसीलिए मानव सभ्यता और धर्म की रक्षा का दायत्व भी उन्ही का था। अपने इसी दायत्व की पुर्ति के उन्होंने ब्रह्मास्त्र का निर्माण किया। जिससे आवश्यकता पड़ने पर दुष्टो और अधर्मियों का संहार किया जा सके।

किस किस के पास तह ब्रह्मास्त्र 

शुरुवात में ब्रह्मात्र देवी देवताओ के पास हुआ करता था। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले गंधर्वो। जिसके बाद गन्धर्वो से इंसानो को ये प्राप्त हुआ। रामायण काल में लक्ष्मण और विभीषण के पास ये अस्त्र था। महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य उनके पुत्र अश्वथामा, कर्ण, कुवलाश्व, श्री कृष्ण, युधिष्ठिर ,अर्जुन और प्रद्युम्न के पास यह अस्त्र था।

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