आज के दिन ज्ञात-अज्ञात पितरों का इस तरह करें श्राद्ध, बनी रहेगी शांति पूरे साल

पितृपक्ष का समापन आश्विन माह के कृष्ण अमावस्या के दिन मनाई जाती है जिसे श्राद्ध का अंतिम दिन होता है । इसता मतलब यह कि अमावस्या को पितृ पक्ष समाप्त हो जाएगा। यह आज के दिन मनाया जा रहा है। इस अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या या पितृमोक्ष अमावस्या या पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या भी कहते हैं। इस साल यह आज यानि कि 8 अक्टूबर को मनाई जा रही है। आज के दिन अपने पितरों का का श्राद्ध किया जाता है उनको याद किया जाता है। इसके अगले दिन से ही नवरात्रि का आरंभ भी हो जाता है। इस साल दिन कल सुबह नौ बजे तक भी बनाया जाता है।

श्राद्ध

पितृ पक्ष अमावस्या के बाद 10 तारीख को शुक्ल प्रतिपदा हैं जोकि नवरात्रि का पहला दिन होगा। जो लोग अपने माता-पिता के श्राद्ध का दिन भूल गए होते हैं उनके लिए आज के दिन ही श्राद्ध करना ठीक माना जाता है। मान्यता हे कि इस दिन अपने माता –पिता का श्राद्ध करने के लिए पूर् साल शांति का मौहाल बना रहता है।

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इस दिन सुबह से ही लोगों को भीड़ लगी रहती है। सुबह जल्दी उठकर सूर्यादय के समय सूर्य को जल अर्पत करें। नदियों में स्नान करें। घर में सहसे पहले भोजन गाय के लिए निकालें। इस दिन पितरों के लिए खीर बनाएं। नारियल पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाकर उसे हनुमान मंदिर में अर्पित करें।

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