सपा के वरीष्ठ नेता व विधायक आजम खान पर कई मुकदमें लदे हैं। उन पर लदे मुकदमों का बेल क्रमवार मिल भी रहा है। अभी पिछले दिनों उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली है, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ती जा रही है।

प्रवर्तन निदेशालय ने आजम खान के अवैध कब्जे वाली सम्पत्तियों का ब्यौरा मांगा है। इस मामले में छान-बीन करने के लिए प्रशासन ने नौ सदस्यों वाली एक टीम गठित की है, जो मौजूद दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम ने रामपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी। इस वर्ष जेल में रहते हुए यूपी विधानसभा चुनाव लड़े। इस चुनाव में भी उनकों भारी जीत मिली, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा में इस्तीफा दे दिये।
आजम खान की गिनती सपा के मुख्य मुस्लिम नेताओं में से एक हैं। यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उनके खिलाफ जमीन पर अवैध कब्जे और अन्य केस दर्ज किए गए हैं। हाल ही में जमीन हथियाने के मामले में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।
इस फैसले को जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने इस फैसले को सुरक्षित रख लिया था।आजम के खिलाफ, वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था।
यह मुकदमा पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने वर्ष 2019 में दर्ज कराया था। बाद में यह मुकदमा रामपुर के अजीमनगर थाने में ट्रांस्फर हुआ था। इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी।