डेंगू हुआ काबू के बाहर! मरीजों का आंकड़ा हुआ हज़ार के पार, बरतें ये सावधानियां

रिपोर्ट- अवनीश कुमार

लखनऊ। सरकार के तमाम दावे के बाद भी डेंगू पर सरकारी तंत्र लगाम नहीं कस पा रहा है। यूपी में पिछले एक महीने में सैकड़ों डेंगू के मामले सामने आये हैं।

डेंगू

वहीँ कई की मौत भी हुई है। सबसे ज्यादा प्रभावित लखनऊ है। लखनऊ में गोमतीनगर क्षेत्र डेंगू जोन बन चुका है।

उत्तर प्रदेश में डेंगू का सितम लगातार जारी है। डेंगू के एक के बाद एक मरीज़ सामने आ रहे हैं। यूपी में अब तक डेंगू के 1068 मामले सामने आये हैं।

वहीँ कई की मौत भी हुई है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिला लखनऊ है। यहाँ पर सबसे ज्यादा 133 मरीज़ डेंगू के पाए गए हैं।

लखनऊ में गोमतीनगर क्षेत्र डेंगू जोन बन चुका है। यहाँ डेंगू से एक महिला की मौत भी हो चुकी है। यह आंकड़े सरकारी हैं। बार-बार अलर्ट जारी करने के बाद भी नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग लापरवाही नहीं बरतते हैं।

मानसून के बाद ही सरकार विभागों को अलर्ट नहीं करती है कि डेंगू और स्वाइन फ्लू को लेकर संजीदगी बरती जाये। और सभी इलाकों में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करवाया जाये। लेकिन लापरवाह सरकारी तंत्र के फेल होने से कई डेंगू की चपेट में आ जाते हैं।

डेंगू को लेकर संचारी रोग की निदेशक डॉ मिथिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। हर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है। वैक्सीन की भी व्यवस्था सभी अस्पतालों और सीएचसी में कराई गयी है।

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उत्तर प्रदेश में डेंगू से पिछले साल 1443 मामले सामने आये थे, जिनमे से 23 लोगों की मौत भी हुई थी। मौतों के बढ़ते आंकड़ों और डेंगू के प्रभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई विभागों को मिलकर मच्छर जनित रोगों से लड़ने के निर्देश दिए थे। लेकिन नगर निगम इस अभियान में फेल साबित हुआ है।

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डेंगू से प्रभावित इलाकों में फॉगिंग न होने से मच्छर पनपते हैं। और डेंगू जैसे रोग को जन्म देते हैं। लखनऊ में हर रविवार को फॉगिंग के आदेश हैं। और दर्जनों वाहनों को इस काम में लगाया गया है। लेकिन यह मशीने फॉगिंग की बजाय जोनल कार्यालय में खड़ी हैं।

डेंगू के लक्षण

– तेज सिर दर्द के साथ बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंख के पीछे दर्द।

– बुखार के साथ सिरदर्द, बदन दर्द, कमर दर्द और त्वचा पर चकत्ते आदि के लक्षण।

– गंभीर मामलों में नाक, मुंह और मसूढ़ों से खून भी आ सकता है.

बरतें सावधानियां

– बुखार उतारने के लिए पैरासिटामोल का प्रयोग करें।

– डेंगू के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं होती है।

– किसी किस्म की दर्द निवारक दवा आदि का प्रयोग न करें।

– पपीते के पत्तों का रस नि‍काल कर मरीज़ को दिन में दो से तीन बार दें।

– घर और आसपास पानी न जमा होने दें।

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