हाई कोर्ट ने पांच साल पुराने केस का तीन घंटे में निपटारा कर आरोपी को किया बरी

दिल्ली हाई कोर्टनई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मिसाल पेश करते हुए पांच साल पुराने हत्या के मामले में मात्र तीन घंटे के अंदर फैसला सुना दिया। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर व आइएस मेहता की खंडपीठ ने 29 वर्षीय युवक की अपील पर सुनवाई करते हुए उसे अपने तीन वर्षीय सौतेले बेटे की हत्या के आरोप से बरी कर दिया। वह उम्रकैद की सजा का सामना कर रहा था। यह पीठ मामले की फास्ट ट्रैक सुनवाई करने में सक्षम है।

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उत्तर प्रदेश निवासी मोसिन को निचली अदालत ने गत सितंबर में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस पर आरोप था कि उसने तीन वर्षीय सौतेले बेटे के रात में रोने से परेशान होकर उसके सिर पर पत्थर से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। वकील सुमित वर्मा ने गत 24 नवंबर को कोर्ट में अपील दायर कर मोसिन की सजा को चुनौती दी थी। मोसिन बगीचे में माली का काम करता है।

कोर्ट ने सुनवाई के पहले दिन निचली अदालत के रिकॉर्ड मंगवाए और अगली सुनवाई पर पीठ ने आरोपी व वादी की दलीलें सुनी तथा तीन घंटे में सुनवाई पूरी कर निर्णय सुना दिया। वकील सुमित वर्मा का कहना है कि कोर्ट ने मामले में फैसला देने में जो तेजी दिखाई, उससे वह अचंभित हैं।

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पीठ ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि निचली अदालत ने इस तथ्य पर गौर नहीं किया कि जिस कमरे में ये लोग सो रहे थे, वह अंदर से बंद नहीं था। अभियोजन पक्ष ने इस आसार को खारिज नहीं किया कि उस रात को बच्चा घूमने के लिए बाहर नहीं गया था।

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