गुजरात चुनाव की तारीखों में देरी से निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर उठेंगे सवाल: शरद यादव

गुजरात चुनावनई दिल्ली। जनता दल युनाइटेड के बागी नेता शरद यादव ने शनिवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा करने में देरी करने के निर्वाचन आयोग के निर्णय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह ‘अच्छी बात नहीं है’ और इससे आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे। यहां पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर एक साल में बेतहाशा बढ़ जाने का जिक्र करते हुए भाजपा पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा का खुद के लिए अलग और विपक्षी पार्टियों के लिए अलग मानदंड रखती है।

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गुजरात चुनाव की तिथि की घोषणा करने में देरी किए जाने पर उन्होंने कहा, “पहली बार ऐसी चीजें हो रही हैं। मुझे नहीं लगता कि यह सही है।”

उन्होंने कहा, “लोग लंबे समय से चुनाव आयोग पर विश्वास करते आए हैं और इसकी विश्वसनीयता पर भरोसा करते हैं। गुजरात चुनाव की तिथि की घोषणा न करना अच्छी बात नहीं है।”

यादव ने कहा, “लोकतंत्र हमारे संविधान की प्रेरक शक्ति है और चुनाव आयोग को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि पहले निर्वाचन आयोग के सदस्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी चुनाव पैनल की निष्पक्षता बनाए रखते थे और एक ईमानदार ‘रेफरल’ के रूप में कार्य करते थे।

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निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त अतुल कुमार जोति हैं, जो नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते राज्य के मुख्य सचिव हुआ करते थे।

शरद यादव ने जय शाह की कंपनी के टर्नओवर मुद्दे पर कहा, “जय शाह एक शाह-जादा हैं और हमें उनके बारे में कम बोलना चाहिए। लोग यहां शाह-जादाओं के शौकीन हैं। वे लोग विपक्ष के लिए अलग और अपने लिए अलग मानदंड रखते हैं और उसे वे खुद अपनी पार्टी पर लागू नहीं करते।”

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