जान लें दातुन के ये फायदे, हमेशा के लिए भूल जायेंगे टूथपेस्ट

दातुनदांतों की सुरक्षा और मजबूत बनाए रखने के लिए बाजारों में तरह-तरह के हर्बल, केमिकल टूथपेस्ट और पाउडर मौजूद हैं। जिसके चलते आज के समय में लोग अद्भुत औषधीय गुणों से भरपूर नीम के दातुन या अन्य दातुन को दरकिनार कर चुके है। जो दांतों की सेहत के लिहाज से गलत है।

आयुर्वेद के मुताबिक अर्क, न्यग्रोध, खदिर, करज्ज, नीम, बबूल आदि पेड़ों की डंडी की दातुन करने के लिए कहा गया है। आमतौर पर सभी दातुन कसैले रस की होती हैं।

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आयुर्वेद के मुताबिक दातुन में अर्क, न्यग्रोध, खदिर, करज्ज, नीम, बबूल आदि पेड़ों की सलाह दी जाती है। दरअसल आयुर्वेद के मुताबिक सुबह और रात को सोते समय मुंह में कफ अधिक बनता है. इसलिए शास्‍त्रों में कफ दोष को खत्म करने के लिए कसैला रस वाली दातुन का प्रयोग करने को कहा जाता है।

टूथपेस्टों से बेहतर

आज-कल इस्तेमाल किये जाने वाल टूथपेस्टों में से काफी में नमक एवं अम्ल रस भी मिलाया जाता है। अम्ल या लवण रस दांतों को तो साफ कर देते हैं, लेकिन यह रस हमारे मसूड़ों को क्षति पहुंचा सकते हैं। जबकि दातुन में ऐसी कोई समस्या नहीं होती है।

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दांत ही नहीं पेट के लिये भी लाभदायक

जब आप दातुन बनाने के लिए दांतों से टहनी को चबाते हैं तो उस समय बनने वाले रस को थूकने के बजाए निगल लें। इससे आंतों की सफाई होती है और रक्त भी साफ होता है, साथ ही त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं।

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