हो जाइए होशियार, जेब में पर्स रखने से होती है ये गंभीर बीमारी

माना जाता है कि जिसका पर्स जितना ज्यादा मोटा होगा, वो उतना ही अमीर होता है। लोग छोटे से पर्स में रुपयों के अलावा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, विजिटिंग कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और न जाने क्या-क्या चीजें रखकर पिछली जेब में डालकर निकल पड़ते हैं। लेकिन रुकिए, क्या आप जानते भी हैं कि आप अपनी पैंट की पिछली जेब में रखे इस पर्स से कितनी गंभीर परेशानियों को बुलावा दे रहे हैं?

पिछली जेब

पिछली जेब में रखा पर्स हिप ज़ॉइट और कमर के निचले हिस्से में दर्द पैदा करता है। कमर के नीचे एक नस होती है उसे साइटिका कहते हैं। जब पर्स जेब में रख कर ज्यादा देर बैठे रहते हैं तो यह नस दब जाती है। जिस वजह से कमर से नीचे तक पूरे शरीर में पेन होता है। कई बार पेन इतना बढ़ जाता है कि इससे पैर सुन्न तक हो जाता है।

जब रोज यह दर्द होने लगे तो इसे नजरअंदाज न करें। इसे पिरिफोर्मिस सिंड्रोम कहा जाता है। पिछली जेब में पर्स रखने से हिप एक तरफ झुक जाता है और इस वजह से रीढ़ की हड्डी पर भी दबाव पड़ता है जिस वजह से रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाती है।

डॉक्टर्स की माने तो पर्स को 20 मिनट से ज्यादा पिछली जेब में रख कर नहीं बैंठना चाहिए। हर 20 मिनट के बाद उठकर एक बाक कर लेनी चाहिए। पिरिफोर्मिस सिंड्रोम खतरा उनको ज्यादा होता है जिन्हें 8-8 घंटों तक एक ही स्थान पर बैठे रहना होता है। जैसे कोचिंग स्टूडेंट्स, ऑफिस में काम करने वाले। इस समस्या का उचित समय पर इलाज काफी जरूरी है वरना इससे रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान हो सकता है।

– पिछली जेब में पर्स रखकर ज्यादा देर तक न बैठें।

– हिप स्ट्रेचिंग एक्सर्साइज करें।

– हर 20 मिनट में 2 मिनट के लिए सीट से उठें और यहां-वहां घूमें।

– पर्स को आगे की जेब या किसी बैग में रखें।

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