अगर सर चढ़कर बोल रहा है डिप्रेशन, तो यह चार चीज़ें दूर करेंगी टेंशन
मानसिक बीमारियों में आजकल डिप्रेशन की बीमारी बहुत ज्यादा सुनने में आ रही है.यह एक ऐसी मानसिक हालत है, जिसमें पॉजिटिव सोचने और बेहतर रिजल्ट तक पहुंचने की इंसान की कैपेसिटी कम हो जाती है. वक्त पर इलाज और करीबियों का साथ इस बीमारी से निपटने में अहम भूमिका निभाता है.
डिप्रेशन की वजह से हमारे शरीर में कफ,एलर्जी,अस्थमा,हाई कोलेस्ट्रोल और हाइपरटेंशन जैसी अनेक समस्याएं जन्म लेती हैं.
यूं तो डिप्रेशन की तमाम दवाइयां हैं लेकिन इसके साथ ही कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से तनाव में राहत मिलती है. इनके लगातार उपयोग से डिप्रेशन से छुटकारा पाया जा सकता है.
ब्राह्मी :
ब्राह्मी एक ऐसी औषधि है जो तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कोर्टिसोल को कम करने का काम करती है. यह तनाव के प्रभावों पर प्रतिक्रियात्मक कारवाई करने के लिए भी जानी जाती है. ब्राह्मी दिमाग को शांत रखने के साथ-साथ एकाग्रता बढ़ाने में भी काफी मददगार है. ब्राह्मी के तेल की मालिश मन को शांत करती है.
भृंगराज :
भृंगराज चाय दिमाग को निरंतर एनर्जी देने का काम करती है। इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह दुरुस्त रहता है. यह दिमाग को शांत तो रखता ही है, साथ ही साथ पूरे शरीर को भी काफी आराम पहुंचाता है.
जटामासी:
जटामांसी मुख्य रूप से न्यूरो मानसिक रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है. जटामांसी एंटी स्ट्रेस हर्ब के रुप में काफी लोकप्रिय है. तनाव भगाने के लिए जटामासी की जड़ों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है. यह जड़ें हमारे दिमाग और शरीर को टॉक्सिन्स से मुक्त बनाती हैं तथा ब्रेन फंक्शन्स को दुरुस्त रखने में काफी मदद करती हैं.
अश्वगंधा:
अश्वगंधा अवसाद के इलाज का एक बहुत अच्छा उपाय माना जाता है. प्रतिदिन शहद के साथ एक चम्मच अश्वगंधा का सेवन करने से दिमाग को बहुत राहत पहुंचती है. अश्वगंधा एमीनो एसिड्स और विटामिन का बेहतरीन संयोजन है. यह दिमाग में एनर्जी को बूस्ट करने तथा स्टेमिना मजबूत करने में काफी मदद करता है.
आज की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम लोग मानसिक बीमारियों को तवज्जो कम ही देते हैं. एक शोध में पता चला की भारत में हर 4 में से 1 बच्चा डिप्रेशन का शिकार है. तो दोस्तों जरुरी है की हम डिप्रेशन को नज़रंदाज़ न करें और इस बीमारी का पता चलते ही जल्द से जल्द इसका इलाज कराए.