RSS पर ये बड़ा आरोप लगाना राहुल को पड़ा भारी, कोर्ट ने दिया नोटिस
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को महात्मा गांधी की हत्या के मामले में कोर्ट ने तलब किया है। उन्हें कोर्ट में इस बात का प्रमाण देना होगा कि साल 2014 में आरएसएस पर जो महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया था वो कितना सही है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई 12 जून तक टाल दी गई है।
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने इस मामले को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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इस पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि उन्हें इस तरह से किसी संस्था को बदनाम नहीं करना चाहिए था। अगर वे इस मामले में अफसोस जाहिर नहीं करते हैं तो उन्हें ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। गांधी ने इसे खारिज करते हुए अदालती कार्यवाही में शामिल होने का फैसला किया है।
खबरों के मुताबिक़ अदालत ने आरएसएस मानहानि मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 12 को जून को पेश होने का आदेश दिया है।
आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में भिवंडी में राहुल गांधी का भाषण सुनने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। राहुल ने उस भाषण में कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ था।
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इस मामले में लिखित हलफनामा के बजाय बयान दर्ज करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की याचिका पर अदालत ने बुधवार को सुनवाई 12 जून तक के लिए टाल दी।
अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई के दिन याचिका पर आदेश पारित किया जाएगा और बचाव पक्ष (राहुल गांधी) का बयान भी दर्ज किया जाएगा।
आमतौर पर इस तरह के मामले में समरी ट्रायल यानी लिखित बयान के आधार पर सुनवाई की जाती है, लेकिन राहुल गांधी ने समंस ट्रायल का अनुरोध करते हुए पिछले महीने एक याचिका दायर की थी।
गांधी के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि यह मामला ऐतिहासिक तथ्यों से संबंधित है, इसलिए उन्हें कई दस्तावेजों का सहारा लेना पड़ेगा और विशेषज्ञों के बयान दर्ज करवाने होंगे।
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