हर्षिल घाटी की इनर लाइन की बंदिशे समाप्त, बढ़ने लगी देशी-विदेशी पर्यटकों की तादात

इनर लाइन की बंदिशेरिपोर्ट- नितिन रमोला
उत्तरकाशी। इनर लाइन की बंदिशे समाप्त होने के बाद हर्षिल घाटी में देशी-विदेशी पर्यटकों की तादात बढ़ने लगी है। पर्यटकों की बढ़ती तादात से स्थानीय पर्यटन व्यवसायी भी खासे उत्साहित नजर आ रहे है। केंद्र सरकार द्वारा हर्षिल क्षेत्र को इनर लाइन की बंदिशों से मुक्त करने के बाद आज गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने उत्तरकाशी पहुँचे विदेशी पर्यटकों के एक दल का जोरदार स्वागत कर हर्षिल घाटी के लिए रवाना किया। उन्होंने गंगोत्री विधान सभा में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर्षिल घाटी को इनर लाइन से मुक्त करने पर भारत सरकार का आभार जताया।

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चीन सीमा से लगे हर्षिल और नेलांग घाटी को भारत-चीन के बीच 1962 के युद्ध के बाद इनर लाइन क्षेत्र घोषित कर विदेशी पर्यटकों की आवाजाही के लिए भारत सरकार ने बंद कर दिया था।

युद्ध के बाद से विदेशी पर्यटक दिन में तो हर्षिल घाटी सैर कर सकते थे।लेकिन रात के ठहरने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है। देशी-विदेशी पर्यटकों का हर्षिल क्षेत्र प्रकृतिक सुंदरता के लिहाज से पसंदीदा स्थल होने पर भी इनर लाइन की बंदिशों के कारण यहाँ रात को नही ठहर पाते थे।

स्थानीय पर्यटन व्यवसायियो की मांग पर राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर भारत सरकार ने हाल ही में हर्षिल क्षेत्र को इनर लाइन की बंदिशों से मुक्त कर दिया है। इनर लाइन की बंदिशों से मुक्त होने के बाद गंगोत्री विधायक गोपाल रावत विदेशी पर्यटकों के  दल का जोरदार स्वागत किया और हर्षिल घाटी के लिए रवाना किया।

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विदेशी पर्यटक हर्षिल क्षेत्र की प्रकृतिक सुंदरता को देख कर काफी उत्साहित नजर आए और हर्षिल घाटी में बार बार आने की इच्छा जाहिर की है।

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