
इस वक्त पूरी दुनिया भर में हजारों लोगों को कोरोना ने निगल लिया. इस वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति को अपन इम्यून सिस्टम पर काम करना होता है. वैसे तो हमें आम जिंदगी में भी अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना चाहिए. लेकिन अब इन हालातों में ये और भी ज्यादा जरुरी हो गया है. ये तो सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से आया था. चीन में महिलाएं भी कोरोना से पीड़ित हो गई थीं. इनमें से कुछ महिलाओं को प्री-मैच्योर यानी नौ महीने से पहले ही डिलीवरी कराई गई थी.

इस समय बुजुर्ग को सबसे ज्यादा इस महामारी से खतरा है लेकिन सभी गर्भवती महिलाएं अपने और अपने शिशु की सुरक्षा के बारे में जरुर सोचत रहीं होगी क्योंकि इस बारे में बहुत कम चर्चा हो रही है. इससे जुड़े ऐसा कोई केस अभीतक सामने नहीं आया है जहां किसी गर्भवती महिला को इससे खतरा हुआ हो या उनके शिशु को…तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से….
दरअसल, अबतक कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन या दवा नहीं उपलब्ध है, इस कारण भी लोग डरे-सहमे हैं। अबतक कोरोना की वजह से हुई मौतों के आंकड़ों के आधार पर विशेषज्ञ बताते हैं कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर कोरोना का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। गर्भवती होने पर महिलाओं के इम्यून सिस्टम में भी बदलाव आते हैं। रोगों से लड़ने की उनके शरीर की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में आम वायरल संक्रमण होने का खतरा तो रहता ही है।
कोरोना संक्रमण के लक्षण गर्भवती महिलाओं में अलग नहीं होते, बल्कि बाकी लोगों की ही तरह होते हैं। तेज बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द और थकान इसके शुरुआती लक्षणों में हैं, जबकि सिर दर्द, दस्त और खून वाली खांसी भी हो सकती है। चिकित्सक बताते हैं कि सेहतमंद लोगों की तुलना में गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं कर रहा। अबतक इस तरह का कोई रिसर्च नहीं सामने आया है जिसमें अन्य लोगों की तुलना में गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का ज्यादा खतरा हो।
कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला से उसके शिशु को संक्रमण होने के चांस पर बात करें तो वायरस के वर्टिकल ट्रांसमिशन के दो मामले सामने आए हैं। हालांकि यह नहीं स्पष्ट हो पाया कि वायरस का संक्रमण गर्भ में हुआ या फिर जन्म लेने के बाद। ऐसा भी कोई मामला अब तक सामने नहीं आया, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित गर्भवती महिला के शिशु के विकास पर कोई असर पड़े।
कुछ बातों का ध्यान रखकर गर्भवती महिलाएं खुद का और अपने होने वाले बच्चे का कोरोना वायरस से बचाव कर सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना से बचने के लिए-
- आप नियमित रूप से हाथ धोएं। हाथों को 20 सेकेंड तक अच्छे से धोएं।
- खासकर चेहरे को हाथ लगाने से पहले हाथ जरूर धोएं।
- खाने से पहले तो हाथों को हम धोते ही हैं, यह बहुत जरूरी है।
- गर्भावस्था में घर में रहना और जरूरी हो जाता है।
- खासकर भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें
- आसपास किसी को छींक या खांसी आए तो टिश्यू का इस्तेमाल करें।
- आपको भी छींक आए तो ऐसा करें और फिर हाथ जरूर धोएं।
- कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आएं।
- मेट्रो, बस, ट्रेन या अन्य सार्वजनिक परिवहन से यात्रा न करें।
- लोगों से दूरी बनाकर ही बात करें।
- पोषणयुक्त डाइट लें और खुद का इम्यून सिस्टम बनाए रखें।
इसके अलावा किसी भी तरह की सर्दी, खांसी या बुखार जैसा महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।