CORONA VIRUS REPORT : दावा- कोरोना संक्रमण से उम्र का कोई लेना-देना नही है, इस नए अध्ययन नें दुनिया को चौंका डाला

कोरोना चर्चा का सबसे बड़ा विषय लगातार बना हुआ है जबकि कोरोना के आलावा और बिमारियों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है पर विशेषज्ञों की पहली प्राथमिकता कोरोना बना हुआ है। दुनिया भर में कोरोना को लेकर लगातार सैंकड़ों शोध,सर्वेक्षण व अध्ययन किये जा रहें हैं। पूर्व में हुई कई अध्ययनों में यह बात बताई गई है कि कोरोना संक्रमण उम्र के अनुसार असर करता है। कुछ अध्ययनों में यह भी बताया गया है कि कोरोना से होने वाली मौतें भी व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है। लेकिन जल्द ही में किये गए अध्ययन ने पूरे विश्व को चौंका कर रख दिया है। यदि हाल ही में हुए शोध की बात करें तो उसके अनुसार यह स्पष्ट होता है कि किसी भी व्यक्त की उम्र के अनुसार यह तय नही किया जा सकता कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 से उसके संक्रमित होने की कितनी अशंका है। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि उम्र पर उसके लक्षणों का विकास, मृत्यु दर, बिमारी की तीव्रता आदि बहुत कुछ निर्भर करता है।


अध्ययन में दिखाया गया है कि वृद्ध लोगों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण ज्यादा विकसित होते है और साथ ही उनमें मृत्यु दर भी ज्यादा देखनें को मिलता है। वैज्ञानिकों ने इसको साबित करनें के लिए जापान, इटली, स्पेन के उपलब्ध आंकडो़ को साहारा लिया और यह भी दिकाया कि कोविड-19 से ग्रस्त होनें की आशंका का उम्र से दूर-दूर से कोई लेना-देना नही है।


यदि हम ‘साइंटिफिक रिपोर्ट’ नामक रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की बात करें तो बुजर्ग लोगों की मौत के पीछे दो कारकों की होनें की संभावना हो सकती है।
*पहला- बिमारी के गंभीर स्वारूप से उनके प्रभावित होने की अशंका कितनी है।
*दूसरी- बुजुर्गों की बढ़ी उम्र के चलते उनके संक्रमित होनें का संभावना कितनी है । जो की कई मामलों में नजर आई है।


आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने शोध के लिये सिर्फ जापान, इटली, स्पेन के ही आकंणो का इस्तेमाल इस लिये किया क्योंकी इन देशों के आंकणे अच्छी तरह से दर्ज व सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। शोधकर्ताओं नें कहा कि मई 2020 में प्रति एक लाख लोगों पर मौत की संख्या, इटली के लिये 382.3, स्पेन के लिये 507.2 और जपान के लिये 13.2 थी।

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