नागरिक खुद का कर सकेगा गणना, केंद्र सरकार ने CENSUS RULES 1990 को संशोधित कर जारी किया गजट

दिलीप कुमार

कितनी आबादी है, कितने पुरूष हैं, कितने साक्षर हैं जैसे सवालों का जवाब हमें जनगणना रिपोर्ट से मिलता है। यह जनगणना प्रत्येक दस वर्ष पर केंद्र सरकार के द्वारा कराई जाती है। अब तक जनगणना आधारित सवालों का जवाब हमें 2011 के जनगणना रिपोर्ट से पाते थे।

2011 के जनगणना रिपोर्ट का कार्यावधि समाप्त हो गया है। केंद्र सरकार को नियमानुसार 2021 में संपन्न करा देना चाहिए था, लेकिन अभी तक जनगणना की तैयारी ही चल रहा है।

केंद्रसरकार आगामी जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) ऑनलाइन स्व-गणना करने हेतु जनगणना नियमों में कुछ संशोधनों को अनुसुचित किया है। इसकी घोषणा 2020 में की गई थी, लेकिन नियोमों के जरिए अधिसूचित की गई है।

11 मार्च 2022 को केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए अधिसूचना के अनुसार सरकार ने जनगणना नियम 1990 में संशोधन किया। ऐसा इस लिए किया गया है क्योंकि पहले डिजीटल प्लेटफार्म के आभाव में जनगणना कागजों पर कराया जाता था। इस डिजीटल युग में जनगणना कराने के लिए जनगणना कानून में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म और स्व-गणना जैसे नियमों को संशोधन नियम-2 के खंड सी में शामिल किया गया है। अब क्लॉज सी की परिभाषा बताता है कि जनगणना अनुसूची का मतलब है कि वह अनुसूची जिसमें ऐक्ट के सेक्शन 8 के सब-सेक्शन (1) में संदर्भित सवाल हैं। कागजी रूप में या फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप में और खुद से की जाने वाली गणना के जरिए उक्त मोड में प्रचारित व प्रसारित किया जा सकता है।

आपको बता दें कि जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 8 गणनाकर्ता को यह अधिकार देता है कि वह गणना स्थल पर लोगों से गणना से संबंधित सवाल पूछ सकता है, जिसका जवाब उत्तरदाताओं के लिए जरूरी है।

इस नई कानून के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रूप का मतलब IT ACT 2000 की धारा (2) की उपधारा (1) के सारे अधिकार इसका समर्थन करता है। इसके साथ ही इसमे यह भी बताया गया है कि डिजीटल प्लेटफॉर्म पर खुद से की जाने वाली जनगणना का सीधा मतलब यह है कि उत्तरदाताओं की ओर से जनगणना अनुसूची को भरना और पेश करना।

लागू किए नियम में एक और क्लॉज जोड़ा गया है, जिसमें प्रत्येक नागरिकों अधिकार दिया गया है कि वह डिजीटल प्लेटफॉर्म पर स्वयं से जनगणना अनुसूची भर सकता है, पूरा कर सकता है और जमा कर सकता है।

जनगणना अधिनियम के नियम 5 में संशोधन करते हुए कहा गया है कि जनगणना आयुक्त जनगणना कार्यक्रम या प्रश्नावली तैयार करेगा और राज्य सरकारों या केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को उनसे संबंधित राजपत्र में प्रकाशन के लिए प्रदान करेगा ताकि जनगणना में प्रचार किया जा सके।

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