Chhath Puja 2020: छठ पर्व पर इस मंदिर जाना न भूलें, यहां पूजा करने से पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं

Chhath Puja 2020: देशभर में छठ का महापर्व शुरु हो गया है। छठ का यह महा पर्व चार दिनों तक चलता है । इस महापर्व पर मुख्य रूप से सूर्य देव की आराधना की जाती है। छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जबकि चौथे और अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के साथ इस महापर्व का समापन होता है।

छठ महापर्व को लेकर मंदिरो में भीड़ लगने लगी है इस कड़ी में बिहार के औरंगाबाद जिले के देव स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर अनोखा में कई राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे है।

मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में करवाया था। यह देश का एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है, जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर है।

इस मंदिर का निर्माण डेढ़ लाख वर्ष पूर्व किया गया था। छठ पर्व के मौके पर यहां लाखों लोग भगवान भास्कर की अराधना के लिए जुटते हैं।

ऐतिहासिक त्रेतायुगीन पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर अपनी विशिष्ट कलात्मक भव्यता के साथ साथ अपने इतिहास के लिए भी विख्यात है। औरंगाबाद से 18 किलोमिटर दूर देव स्थित सूर्य मंदिर करीब सौ फीट ऊंचा है।

डेढ़ लाख वर्ष पुराना यह सूर्य मंदिर काले और भूरे पत्थरों की नायाब शिल्पकारी से बना यह सूर्य मंदिर ओड़िशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर से मिलता-जुलता है।

मंदिर के निर्माणकाल के संबंध में मंदिर के बाहर लगे एक शिलालेख पर ब्राह्मी लिपि में लिखित और संस्कृत में अनूदित एक श्लोक के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण 12 लाख 16 हजार वर्ष त्रेता युग के बीत जाने के बाद इला-पुत्र पुरुरवा ऐल ने आरंभ करवाया था।

शिलालेख से पता चलता है कि सन् 2017 ईस्वी में इस पौराणिक मंदिर के निर्माण काल को एक लाख पचास हजार सत्रह वर्ष पूरे हो गए हैं।

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