जामा मस्जिद के ढाचे में किया जा सकता है बदलाव, ASI ने नहीं दिया जवाब

भारत के विशेष स्मारकों में से एक जामा मस्जिद ढांचे में बदलाव करने की योजना बनाई जा रही है। दरअसल दिल्ली में 17वीं सदी की प्रसिद्ध जामा मस्जिद के मुख्य गुंबद के लटके हुए हिस्से को हटाने के लिए मस्जिद के अधिकारिक इंजीनियरों तथा ऐतिहासिक इमारतों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर योजना बना रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली में आई तेज आंधी से गुंबद का यह हिस्सा लटक गया था।

इस मामले को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि बनीं योजना के तहत मस्जिद की विहंगम तस्वीरें और मुख्य गुम्बद की करीब से तस्वीरें ली गई हैं, ताकि विशेषज्ञों को मदद मिल सके।

उन्होंने कहा कि गुंबद का झूलता हुआ हिस्सा दीवार और उसके पास की मीनारों के लिए खतरा है। यदि यह गुंबद से अलग होकर गिर जाता है तो जमीन पर लोगों के लिए चोटें आ सकती है। यह दीवार से टकरा सकता है और पत्थर के टुकड़े जमीन पर गिर सकते हैं। इसलिए हम क्षतिग्रस्त गुंबद के लटके हुए हिस्से को सुरक्षित हटाने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमें हमारे अनुरोध पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से अबतक कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए हम अपने स्तर पर योजना बना रहे हैं। इस काम के लिए जामा मस्जिद का दफ्तर, दिल्ली वक्फ बोर्ड, एक निर्माण इंजीनियरिंग विशेषज्ञ तथा इनटेक (भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक धरोहर न्यास) के विशेषज्ञ योजना बना रहे हैं।

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