आज का सुविचार: चाणक्य के बताया इन तीन तरह के लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए

आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातों का उल्लेख किया है जिनके माध्यम से इंसान अपनी जिंदगी को सरल और सफल बना सकता है। चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से लोगों की उन आदतों के बारे में बताया गया है जिनसे व्यक्ति को सावधान रहने की आवश्यकता है। हमारे धर्म शास्त्रों में भी मानव धर्म निभाने और एक दूसरे की बुरे समय पर सहायता करने की बात कही गई है। आचार्य चाणक्य भी इसके पक्षधर थे। लेकिन उनका मानना था कि हर व्यक्ति मदद पाने योग्य नहीं होता। कुछ लोगों की मदद करना आपके लिए भी भारी पड़ सकता है।

  • मूर्ख व्यक्ति
    आचार्य का कहना था कि मूर्खों से जितनी दूरी बनाकर रखेंगे, आपके लिए उतना ही अच्छा है। मूर्ख को अगर आप ज्ञान देने की भूल करेंगे तो वो आपसे फिजूल के तर्क देगा।
  • बुरे चरित्र वाला
    जिस व्यक्ति के पास चरित्र नहीं होता, उसके पास कुछ नहीं होता। वो व्यक्ति कभी भरोसे के लायक नहीं हो सकता। ऐसे लोगों से दूर रहने में ही समझदारी है।
  • बेवजह दुखी रहने वाला
    चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति हमेशा असंतुष्ट रहता है, किसी न किसी बात को लेकर दुखी बना रहता है। उसकी मदद तो स्वयं भगवान भी नहीं कर सकते।
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