चाणक्य नीति

एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है। संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है। लोभ के जैसी कोई बीमारी नहीं है। दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है।

चाणक्य नीति

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