#welcome 2018: इन 10 शायरियों से करिए पुरानी यादें रीक्रिएट

शुभकामनाएंनई दिल्ली। नया साल के शुरू होने में बस कुछ ही घंटे बचे है। इसके साथ ही लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देने लग जाते हैं। जहां आज की मॉर्डन दूनिया में लोग whatsapp और facebook के जरिए नए साल की बधाइंया देते हैं वहीं पहले के दौर में लोग एक-दूसरे को खत लिखकर नए साल का स्वागत करते हैं ।

भले ही वो जमाना पुराना हो गया हो लेकिन शुभकामनाएं देने का वो तरीका आज भी तरो-ताजा है। तो चलिए इस साल भी पुरानी यादों को रीक्रिएट करते हैं और इन 10 शायरियों से लोगों को शुभकामनाएं देते हैं।

आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर, जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे

ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को, मुबारक मुबारक नया साल सब को

इक अजनबी के हाथ में दे कर हमारा हाथ, लो साथ छोड़ने लगा आख़िर ये साल भी

इक साल गया इक साल नया है आने को, पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को

कुछ ख़ुशियां कुछ आंसू दे कर टाल गया, जीवन का इक और सुनहरा साल गया

न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए, ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए

नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें, चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दें

उम्र का एक और साल गया, वक़्त फिर हम पे ख़ाक डाल गया

अब के बार मिल के यूं साल-ए-नौ मनाएंगे, रंजिशें भुला कर हम नफ़रतें मिटाएंगे

पलट सी गई है ज़माने की काया, नया साल आया नया साल आया

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