मधेपुरा में 8 साल की मासूम के साथ हैवानियत: दुष्कर्म के बाद हत्या, खेत में ऐसी अवस्था में मिला शव

बिहार के मधेपुरा जिले में 4 जुलाई की रात एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी। आलमनगर थाना क्षेत्र के इटहरी पंचायत में एक 8 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई।

बच्ची का खून से लथपथ शव खेत में बरामद हुआ, जिसमें उसके निजी अंग में मकई का डंठल ठूंसा हुआ था। इस जघन्य अपराध ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया, और परिजनों ने पुलिस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

मृतका की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी और वृद्ध मां के साथ इटहरी पंचायत के गौछीडीह में बासा पर रहती थी, जहां वे मकई की फसल कटाई के लिए हर साल 3-4 महीने के लिए आते हैं। बच्ची का पिता तीन महीने पहले मजदूरी के लिए पंजाब गया था। शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 की रात करीब 9 बजे, मां और बेटी गौछी चौक पर रामधुनि में रासलीला देखने गए थे। रात 10 बजे नींद आने पर वे बासा लौट आए और चौकी पर सो गए। मां और बेटी एक ही चौकी पर सोए थे, जबकि वृद्ध नानी जमीन पर सो रही थी। रात 12 बजे तक सभी सो चुके थे।

शनिवार सुबह 4 बजे जब मां की नींद खुली, तो बच्ची चौकी पर नहीं थी। मां ने अनुमान लगाया कि वह शौचालय गई होगी और वापस सो गई। सुबह करीब 7 बजे, एक चरवाहे ने बासा से 200 मीटर दूर खेत में बच्ची का शव देखा और शोर मचाया। स्थानीय लोगों ने परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंचने पर परिजनों ने देखा कि बच्ची के निजी अंग में मकई का डंठल ठूंसा हुआ था, और उसका गला घोंटकर हत्या की गई थी। शव खून से लथपथ था, जिससे दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका पुष्ट हुई।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही उदाकिशुनगंज एसडीपीओ अविनाश कुमार और आलमनगर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल भेजा गया। एसडीपीओ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हत्या की पुष्टि हुई है, और दुष्कर्म के बिंदु पर भी गहन जांच की जा रही है। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए। मृतका की मां के आवेदन पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 302 (हत्या) और 376 (दुष्कर्म) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनकी कॉल डिटेल्स व लोकेशन की जांच कर रही है। हालांकि, 7 जुलाई 2025 तक पुलिस को कोई ठोस सफलता नहीं मिली थी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने गांव के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं, लेकिन कोई स्पष्ट सुराग नहीं मिला। एसडीपीओ अविनाश कुमार ने आश्वासन दिया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया जाएगा।

परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश:
इस क्रूर वारदात ने परिजनों में कोहराम मचा दिया। मृतका की मां और नानी का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने अपराधियों के बढ़ते मनोबल पर चिंता जताई और कहा कि अब घर में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। ग्रामीणों ने पुलिस से जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़कर कड़ी सजा देने की मांग की है। कुछ लोगों ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर।

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