बॉलीवुड के वो संगीतकार जो फुटबॉल के थे शौकीन ,1 रुपए कि जिद्द की वजह से नहीं किया दुबारा साथ काम

बॉलीवुड में गानो का एक अलग ही महत्त्व है। फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे गीतकार और संगीतकार हुए है जिन्होंने लोगो के दिलो में एक अलग ही जगह बनाई है। ऐसे ही एक संगीतकार है सचिन देव बर्मन, जिन्हे आज भी लोग एस.डी बर्मन के नाम से जानते है। एस.डी बर्मन ने सौ से ज्यादा फिल्मो में संगीत निर्देशन किया है अपने पूरे फिल्मी कॅरिअर में उन्होंने लता मंगेशकर से लेकर मोहम्मद रफ़ी ,मुकेश से लेकर किशोर कुमार तक के करिअर को सातवें आसमान तक पहुंचाया। एस.डी बर्मन जितने महान संगीतकार थे उतने ही दिलचस्प इंसान भी थे। 1 ऑक्टूबर 1906 को जन्मे एस.डी बर्मन के कई किस्से आज भी फिल्मी गलियारों में काफी प्रसिद्ध है।


राजघराने से ताल्लुक रखने वाले एस.डी बर्मन खाने के बहुत शौकीन थे। फुटबॉल उनका पसंदीदा खेल था ,कहते है बर्मन फुटबॉल के इतने शौकीन थे की जब टीम हार जाती थी तो वो काफी दुखी हो जाते थे। इसी से जुड़ा एक किस्सा काफी चर्चित है एक बार जब मोहन बगान की टीम मैच हार गयी, उस वक्त एस.डी बर्मन ने गुरुदत्त से कहा कि वो कोई भी खुशी वाला गीत नहीं बना पाएंगे अगर कोई दुःख वाला गाना हो तो वो बनवा ले।


एस. डी बर्मन की जिंदगी से जुड़ा एक और किस्सा काफी फेमस है। कहते है जब गुरुदत्त फिल्म “प्यासा” बना रहे थे, तब फिल्म के संगीत के क्रेडिट को लेकर साहिर लुधयानवी और एस.डी बर्मन में अनबन हो गयी। अनबन इतनी बढ़ गयी की साहिर लुधयानवी ने सचिन देव बर्मन से कहा की वो एक रुपए फीस अधिक लेंगे। उनका अधिक फीस मांगने के पीछे कारण बस ये था की, साहिर मानते थे कि एस.डी बर्मन के गीतों की लोकप्रियता में उनका बहुत बड़ा हाथ था। लेकिन बर्मन दा ने साहिर की ये जिद्द नहीं मानी जिसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया।

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