ब्लूमबर्ग ने जारी किया रिपोर्ट, आडानी के संपत्ति में पांच गुना का इजाफा

दिलीप कुमार

दुनिया के चर्चित पूंजीपति वारेन बफेट, टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क, अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस और फेसबुक यानी मेटा के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसे धनी अरबपतियों की सूची में एक नए भारतीय सदस्य का नाम जुड़ गया है। जो कोई और नहीं बल्कि मोदी के सबसे नजदीकी अदानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी दुनिया के उन लोगों में शुमार सबसे बड़े चेहरे के रूप में भी उभरे हैं, जिनकी इस साल की संपत्ति में लगभग 24 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी पोर्ट्स और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड जैसे अर्थजगत के उद्योगों के मालिक गौतम अडानी बड़े व्यवसायी अरबपतियों के नौ अन्य सदस्यों के क्लब के में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही वह एक बार फिर भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक बन गए हैं।

वह 100 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) सूची में 10वें स्थान पर हैं।
जारी इस सूची में गौतम अडानी के ऊपर यानी नौवें स्थान पर ओरेकल के अध्यक्ष और सह संस्थापक लैरी एलिसन हैं, जो अमेरिका के जाने-माने बिजनेसमैन हैं। लेरी एलिसन की कुल संपत्ति 103 बिलियन डॉलर है, जबकि गौतम अडानी की संपत्ति 100 बिलियन डॉलर है।

ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ने सूची में तेजी से अपने स्थान में बढ़ोत्तरी की है। अडानी समूह के मालिक ने पिछले दो वर्षों में ही हरित ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के लिए उनके क्रांतिकारी रणनीतिक परिवर्तनों के जरिए अपनी संपत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि की है।

आपको बता दें कि अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी के इस स्थिति को लेकर ब्लूमबर्ग ने यह अंदाजा जताया है कि अडानी और उनकी कंपनी को फ्रांस के टोटल SE और वारबर्ग पिंकस सहित एक बड़ा निवेश प्राप्त हुआ है।

इस साल की शुरुआत में हुरुन इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया था, “रिन्यूबल एनर्जी” कंपनी अडानी ग्रीन की लिस्टिंग के बाद, गौतम अडानी की संपत्ति 2020 में 17 अरब डॉलर से करीब पांच गुना बढ़कर 81 अरब डॉलर हो गई।” हुरुन इंडिया की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बीते कुछ सालों में अडानी ने राष्ट्र निर्माण के उन क्षेत्रों से जुड़ी अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार भारत के दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों को मजबूत करने के लिए उपयुक्त मानती है।

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