बिहार में ग्रामीण बैंक देंगे किसानों को 23 हजार करोड़ का कर्ज : मोदी

सुशील कुमार मोदीपटना। वर्तमान वित्तीय वर्ष में बिहार के ग्रामीण बैंक यहां के किसानों के बीच कुल 22,920 करोड़ रुपये का ऋण देंगे। यह ऋण बिहार ग्रामीण बैंक, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के जरिए दिए जाएंगे।

ग्रामीण बैंकों के चैयरमैन व अन्य वरीय अधिकारियों के साथ सचिवालय स्थित कक्ष में बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के सभी जिलों में शौचालय निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रति इकाई 12 हजार रुपये और नियोजित शिक्षकों को वेतन के आधार पर डेढ़ से दो लाख रुपये व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

किसानों से ससमय ऋण वापसी की अपील करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि समय से ऋण वापसी नहीं करने के कारण 90 प्रतिशत किसानों को भारत सरकार द्वारा तीन और राज्य सरकार द्वारा देय एक प्रतिशत यानी कुल चार प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ नहीं मिल पाता है और उन्हें 11 से 12 प्रतिशत तक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

यह भी पढ़ें:- सरकार की बड़ी चेतावनी, कहा- बिटकॉइन निवेश का ‘भ्रमजाल’, इसकी कोई ‘वास्तविक कीमत’ नहीं

मोदी ने कहा कि ग्रामीण बैंकों की ओर से कुल वितरित किए जाने वाले ऋण का 65 प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को दिया जाता है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “बैंक केसीसी धारक किसानों को रुपे कार्ड (एटीएम) उपलब्ध कराता है मगर मात्र 10 से 15 प्रतिशत किसान ही उसका उपयोग करते हैं।”

मोदी ने बैंकों को मुद्रा लोन के अन्तर्गत लोगों को 50 हजार से पांच लाख रुपये तक ऋण देने का निर्देश दिया। आमतौर पर बैंक इस योजना के तहत 50 हजार का ही ऋण देते हैं, जिससे किसी व्यापार-धंधा को प्रारंभ करना और चलाना संभव नहीं है।

यह भी पढ़ें:- 31 दिसम्बर : राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के बाहर निकलने पर पाबंदी  

उल्लेखनीय है कि बिहार में तीनों ग्रामीण बैंक अपनी 2,110 शाखाओं और 5,555 बैंक मित्रों (बिजनेस कोरस्पोंडेंट) के जरिए ग्रामीणों को बैंकिंग सेवा उपलब्ध करा रहे हैं।

देखें वीडियो:-

LIVE TV