
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) आज दोपहर 4 बजे बिहार विधानसभा के 18वें चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने वाला है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए सभी 243 सीटों (जिनमें 2 अनुसूचित जनजाति और 38 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) पर मतदान इसी अवधि में होगा।
सत्ताधारी एनडीए (जेडीयू-बीजेपी गठबंधन) को विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस के नेतृत्व में) से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। राजनीतिक दलों ने छठ पूजा के बाद चुनाव कराने की मांग की है ताकि अधिकतम मतदाता भाग ले सकें, और आयोग इस पर विचार कर सकता है।
SIR अभियान पर विवाद: विपक्ष का आरोप पक्षपात का
चुनाव से ठीक पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर विवाद चरम पर है। विपक्ष ने मतदाता सूची ‘शुद्धिकरण’ की समयबद्धता पर सवाल उठाए हैं और आयोग पर सत्ताधारी एनडीए को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार में 22 वर्षों बाद पहली बार मतदाता सूची को ‘शुद्ध’ किया गया है, जो पुरानी अस्पष्टताओं और डुप्लिकेट नामों को दूर करता है। उन्होंने कहा, “यह संशोधित सूची कानूनी रूप से वैध है और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता व सटीकता बढ़ाएगी।” कुमार ने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को पहली बार प्रशिक्षण देने का भी जिक्र किया। उन्होंने बिहार के मतदाताओं से अपील की, “हम SIR की सफलता पर बधाई देते हैं। लोकतंत्र के इस त्योहार को छठ की तरह उत्साह से मनाएं। सभी को वोट डालना चाहिए।”
17 नई पहल: वेबकास्टिंग से मोबाइल फोन की अनुमति तक
चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए 17 नई पहलें शुरू की हैं, जो भविष्य के चुनावों के लिए मॉडल साबित होंगी। इनमें शामिल हैं:
- सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
- ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें और बड़े फ़ॉन्ट में सीरियल नंबर।
- मतदाताओं को मतदान केंद्र के बाहरी क्षेत्र तक मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति।
- वोटर स्लिप में बूथ नंबर और पता बड़े फ़ॉन्ट में।
- ECINET जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग, जो 40 पुरानी ऐप्स की जगह लेगा।
- किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाताओं की सीमा, ताकि भीड़ न हो।
- प्रत्याशियों को मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में स्टॉल लगाने की छूट।
- ईवीएम-वीवीपैट मैचिंग और पोस्टल बैलट की गिनती के बाद ही ईवीएम काउंटिंग।
ये सुधार मतदाता सुगमता और चुनाव की निष्पक्षता को बढ़ाएंगे। आयोग ने बीएलओ और सहायक अधिकारियों का मानदेय भी बढ़ाया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
2020 के चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन को 110 मिलीं। इस बार विकास, बेरोजगारी और जातिगत समीकरण मुद्दे होंगे। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने SIR को ‘वोटर हटाओ अभियान’ कहा है, जबकि बीजेपी ने इसे ‘लोकतंत्र की मजबूती’ बताया। घोषणा के बाद पार्टियां अपनी रणनीति तेज करेंगी।