BHU में मचे बवाल के बाद आज से पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ, न्यायिक जांच भी शुरू
वाराणसी। BHU की छात्रा के साथ परिसर में हुए छेड़छाड़ से मचे बवाल के बाद मंगलवार यानी आज से पठन-पठान का कार्य शुरू हो रहा है। बता दें 23 सितम्बर की रात बीएचयू की छात्रा के साथ छेड़छाड़ किया गया था जिसके बाद छात्राओं ने इंसाफ की मांगते करते हुए धरना प्रदर्शन किया था और तब से बीएचयू बंद था। वहीँ यूनिवर्सिटी खुलने से प्रशासन और अधिकारीयों ने कमर कस ली है।
इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज वीके मिश्रा की अध्यक्षता म इ न्यायिक जांच समिति भी आज से ही अपनी जांच शुरू करेगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई भी अपना बयान दर्ज कराना चाहता है तो वह करा सकता है। एलडी गेस्ट हाउस में आज 11 बजे से बयान दर्ज कराया जा सकता है।
गौरतलब है कि बीएचयू का यह बवाल छेड़खानी के विरोध में धरना देने वाली छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद बढ़ा था। मंगलवार से यूनिवर्सिटी के खुलने को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
इसी संबंध में सोमवार को चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने एक बैठक ली और चौकसी बरतने के निर्देश दिए। इस बीच पुलिस ने भी कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
वहीं दूसरी तरफ बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी सोमवार को छुट्टी पर चले गए। उन्होंने निजी कारणों को छुट्टी की वजह बताया है। बीएचयू के अधिकारियों ने बताया कि त्रिपाठी ‘‘अनिश्चिकालीन अवकाश’’ पर चले गए हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया था कि केंद्र सरकार इस पूरे मामले में निपटने के उनके तरीके को लेकर खुश नहीं है। मंत्रालय ने पहले ही उनके उत्तराधिकारी के चयन के लिए नियमित प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। बता दें कि उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से छात्राओं की शिकायत पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने को लेकर पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया है।
हालांकि, प्रोफेसर त्रिपाठी ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाता है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। ऐसे में ये माना जा रहा है कि दबाव में उन्हें न चाहते हुए भी ऐसा कदम उठाना पड़ा। गौर हो कि आगामी 30 नवंबर को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है।