अब बंदरगाहों के जरिए दोबारा अपनी पैठ बनाएगा आईटीडीसी

भारत पर्यटन विकास लिमिटेडनई दिल्ली। निजी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण हवाईअड्डों से बाहर निकलने के बाद अब भारत पर्यटन विकास लिमिटेड (आईटीडीसी) बंदरगाहों पर ड्यूटी फ्री दुकानों के माध्यम से धीरे-धीरे वापसी कर रही है। फिलहाल आईटीडीसी देश भर के 11 बंदरगाहों पर ड्यूटी फ्री दुकानें चला रही है और साल 2020 तक सभी प्रमुख बंदरगाहों पर ड्यूटी फ्री दुकानें खोलने की तैयारियों में जुटी है।

आईटीडीसी के महाप्रबंधक विपिन गर्ग ने कहा, “बंदरगाहों पर ड्यूटी फ्री दुकानों को पर्यटन मंत्रालय की देश के तटीय शहरों में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत खोला जा रहा है। शॉपिंग सुविधाएं प्रदान करना भी इसी योजना का हिस्सा है।”

उन्होंने कहा कि बंदरगाहों पर चलाई जा रहीं ड्यूटी फ्री दुकानों में ग्राहकों की अच्छी आवाजाही हो रही है, क्योंकि बंदरगाहों पर देशी-विदेशी जहाजों के चालक दल के सदस्य आते हैं।

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इन ड्यूटी फ्री दुकानों पर शराब, इत्र, चॉकलेट और सिगरेट के अलावा भारतीय चाय और आदिवासी हस्तकला की भी अच्छी बिक्री होती है।

वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान आईटीडीसी ने इन ड्यूटी फ्री दुकानों से 18.96 करोड़ रुपये की कमाई की।

उद्योग सूत्रों के मुताबिक, साल 2020 तक देश में ड्यूटी फ्री दुकानों का कारोबार 55 करोड़ डॉलर तक होने की संभावना है।

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वित्त वर्ष 2006-07 तक आईटीडीसी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, कोलकाता, कालीकट, तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद, गोवा और हैदराबाद हवाईअड्डों पर अपनी ड्यूटी फ्री दुकानें चला रही थी।

साल 2010 में आईटीडीसी ने बंदरगाहों पर ड्यूटी फ्री दुकानें खोलने की शुरुआत की और वर्तमान में यह चेन्नई, हल्दिया, कोलकाता, गोवा, पारादीप, विसाखापट्टनम, न्यू मंगलौर, मुंबई, काकीनाडा और कोचीन बंदरगाहों पर ड्यूटी फ्री दुकानें चला रही है। कृष्णपट्टनम 11वां बंदरगाह है, जहां आईटीडीसी ने अपनी ड्यूटी फ्री दुकान खोली है।

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