Bhai Dooj 2020 : रक्षाबंधन से इस तरह से अलग होता है भाई दूज का त्योहार, यह है खास महत्व

हिन्‍दू धर्म में भैया दूज का काफी महत्व होता है। इस पर्व को ‘यम द्वितीया’ और ‘भ्रातृ द्वितीया’ भी कहा जाता है। रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्‍योहार है जिसे भाई-बहन बेहद उत्‍साह के साथ मनाते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के आपसी प्रेम का प्रतीक होता है। जहां, रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन को सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं वहीं भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है।

इस त्योहार को कई जगहों अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर इस दिन बहनें अपने भाइयों को तेल लगाकर उन्‍हें स्‍नान भी कराती हैं। यमुना नदी में स्‍नान कराना अत्‍यंत शुभ माना जाता है। अगर यमुना में स्‍नान संभव न हो तो भैया दूज के दिन भाई को अपनी बहन के घर नहाना चाहिए। अगर बहन विवाहित है तो उसे अपने भाई को आमंत्रित कर उसे घर पर बुलाकर यथा सामर्थ्‍य भोजन कराना चाहिएय़ इस दिन भाइयों को चावल खिलाना अच्‍छा माना जाता है।

अगर सगी बहन नहीं है तो ममेरी या चचेरी बहन के साथ भी इस त्‍योहार को मनाया जा सकता है। इस त्‍योहार का संदेश यही है कि भाई-बहन के बीच प्‍यार हमेशा बना रहना चाहिए। चाहे दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में कितने ही व्‍यस्‍त क्‍यों न हों लेकिन एक-दूसरे के साथ कुछ पल तसल्‍ली के जरूर गुजारने चाहिए।

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