
इस्लामाबाद। पाकिस्तान तालिबान ने बेनजीर भुट्टो की मौत का खुलासा किया है। आतंकी संगठन तालिबान का दावा है कि उनके संगठन ने ही पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या की थी। आतंकी संगठन ने बताया कि उन्होंने बेनजीर की हत्या की, क्योंकि दिवंगत नेता ने सत्ता में वापस आने पर अमेरिका के साथ कथित रूप से मुजाहिदीन के खिलाफ सहयोग की योजना बनाई थी।
बता दें कि इस बात का खुलासा इंकलाब महसूद दक्षिणी वजीरिस्तान: ब्रिटिश राज से अमेरिकी सामाज्यवाद तक में किया गया है। इस किताब को तालिबान प्रमुख ने लिखी है। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ पर बेनजीर की हत्या कराने का आरोप लगा था।
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डेली टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान की उर्दू भाषा की पुस्तक ‘इंकलाब महसूद साउथ वजीरिस्तान..फ्रॉम ब्रिटिश राज टू अमेरिकन इम्परियलिज्म’ में किए गए दावे से पहले बेनजीर की हत्या की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली थी।
वहीं किताब में हुआ खुलासा पाकिस्तान में तालिबान का फाउंडर बैयतुल्लाह मेहसूद ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि अमेरिका के सहारे भूट्टो सत्ता में आ रही है और अगर ऐसा हुआ तो वह मुजाहिद्दी-ए-इस्लाम को खत्म करने के लिए जंग लड़ेगी।
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बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी आतंकी संगठन ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ही बेनजीर भुट्टो की हत्या की थी। किताब ने साथ में यह भी दावा किया है कि बिलाल (सईद) और इकरामुल्लाह ने दिसंबर 2007 में भुट्टो की रैली में आत्मघाती हमले को अजांम दिया था।
कैसे हुआ था बेनजीर पर हमला-
संयुक्त अरब से लौटने के बाद उन्होंने दोबारा जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाने की योजना बनाई। 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर एक रैली को संबोधित कर रही थी। इस दौरान दो आत्मघाती हमले हुए लेकिन बेनजीर बच गईं। इस हमले के दो महीने बेनजीर एक रैली को संबोधित कर रही थी। इस दौरान दो आत्मघाती हमले हुए लेकिन बेनजीर बच गईं। इस हमले के दो महिने बाद ही 27 दिसंबर 2007 को उन्होंने एक और रैली का आयोजन किया। इस दौरान फिर से उनकी रैली पर आत्मघाती हमला हुआ। इस बार उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया है और हमले में उनकी मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी।