
बाराबंकी के हैदरगढ़ क्षेत्र में स्थित पौराणिक औसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार (27-28 जुलाई 2025) की रात एक भीषण हादसा हुआ। मंदिर परिसर में बिजली का तार टूटकर टीन शेड पर गिरने से करंट फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 47 लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान नकटा सेहरिया (थाना कोठी) के रमेश पुत्र रामसजीवन और मुबारकपुर (थाना लोनी कटरा) के प्रशांत कुमार (22) पुत्र रामकृपाल के रूप में हुई है।

कैसे हुआ हादसा
हादसा रविवार देर रात करीब 2 बजे हुआ, जब मंदिर में जलाभिषेक के लिए करीब 20,000 श्रद्धालु जमा थे। मंदिर के मुख्य द्वार से 250 मीटर तक बैरिकेडिंग और टीन शेड के नीचे लगभग 4,000 श्रद्धालु कतार में खड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक बंदर बिजली के तार पर कूद गया, जिससे तार टूटकर टीन शेड पर गिर गया। इससे शेड और बैरिकेडिंग में करंट फैल गया, और श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। लोग “भागो-भागो, करंट फैल गया” चिल्लाते हुए एक-दूसरे पर चढ़ते-गिरते भागने लगे। कई लोग करंट की चपेट में आए, जबकि कुछ भीड़ में दबकर घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
- करुणा शंकर (हलोर, रायबरेली): “मैं बैरिकेडिंग के पास था। अचानक भीड़ भागने लगी, मेरी दुकान भी गिर गई। पहले समझ नहीं आया, फिर पता चला कि करंट फैला है।”
- संदीप गिरी (चाय दुकानदार): “तेज शोर से जगा तो भगदड़ मची थी। 10 मिनट बाद पता चला कि बैरिकेडिंग में करंट उतरा है।”
- कुट्टू बाबा (फूल विक्रेता): “महिलाएं चिल्ला रही थीं। छह-सात लोग बेसुध पड़े थे, सैकड़ों उनके ऊपर से निकल गए। हमने उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल भेजा।”
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही मंदिर प्रबंधन ने तत्काल बिजली आपूर्ति बंद कराई। ड्यूटी पर तैनात पुलिस और स्थानीय दुकानदारों ने राहत कार्य शुरू किया। घायलों को त्रिवेदीगंज और हैदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को बाराबंकी जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। डीएम ने बताया कि बंदरों की उछल-कूद से तार टूटा, जिससे हादसा हुआ। अब स्थिति सामान्य है, और श्रद्धालु फिर से जलाभिषेक कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री का संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने जिला प्रशासन को राहत कार्य तेज करने और घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। साथ ही, धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने पर जोर दिया।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
स्थानीय लोगों ने मंदिर कमेटी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बताया गया कि रविवार शाम को मंदिर परिसर में वेल्डिंग का काम हुआ था, जिसके बाद सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई। हादसे ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हरिद्वार हादसे से तुलना
यह हादसा हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की घटना के ठीक एक दिन बाद हुआ, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी। बाराबंकी में मृतकों की संख्या को लेकर कुछ असमंजस है, कुछ स्रोतों में दो और कुछ में तीन मौतों का उल्लेख है। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक केवल दो मौतों की पुष्टि की है।