बहराइच हिंसा: 11 नवम्बर को ध्वस्तीकरण मामले में अगली सुनवाई, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया ये निर्देश..
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच में कथित अतिक्रमण के विरुद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के मामले में अगली सुनावायी के लिए 11 नवम्बर तय की है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच में कथित अतिक्रमण के विरुद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के मामले में अगली सुनावायी के लिए 11 नवम्बर की तिथि नियत की है। बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को मौखिक निर्देश दिया कि फिलहाल ऐसी कोई कारवाई न करें जो कानून सम्मत न हो।
बहराइच के महराजगंज में हुई हिंसा के बाद जिन 23 मकानों पर अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन का नोटिस चस्पा किया गया था उस मामले में याचिकाकर्ताओं को फिलहाल राहत मिली है. बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बुलडोजर एक्शन को लेकर सुनवाई हुई . सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से यूपी सरकार से 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है. अब इस मामले में 11 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से चार बिंदुओं पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि क्या नोटिस जारी करने से पहले वहां कोई सर्वे वगेरा किया गया था या नहीं? जिन्हें नोटिस जारी किया गया है वे लोग निर्मित परिसरों के स्वामी हैं भी या नहीं? जिसके द्वारा यह नोटिस जारी किया गया वह इसके लिए सक्षम अधिकारी है भी या नहीं? जो ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया है क्या पूरा निर्माण अवैध है या निर्माण का कुछ हिस्सा अवैध है? इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नोटिस के खिलाफ आपत्ति जारी करने का भी निर्देश दिया है।
बताते चले कि बहराइच के महाराजगंज में 13 अक्तूबर की हिंसा के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई थी। इसके बाद वहां महाराजगंज के कथित अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ढहाने की नोटिसें उन्हें जारी किया गया था । दुर्गा प्रतिमा के दौरान जुलूस पर पत्थरबाजी के बाद फायरिंग हुई थी. इस हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. जिसके बाद प्रशासन की तरफ से 23 भवनों को चिन्हित कर उन्हें अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया था।