Axiom-4 मिशन: 18 दिन बाद आज धरती पर लौटेंगे शुभांशु शुक्ला, माता-पिता ने की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद आज, 14 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपने तीन साथियों के साथ पृथ्वी पर लौटेंगे।

Axiom-4 मिशन के तहत यह ऐतिहासिक यात्रा 25 जून 2025 को NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से शुरू हुई थी, जब शुभांशु और उनकी टीम SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर ISS के लिए रवाना हुए थे। मिशन 26 जून को ISS के साथ डॉक हुआ और 18 दिन तक चले वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद अब यह दल वापसी के लिए तैयार है।

शुभांशु और उनकी टीम, जिसमें कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका), मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोश उज़नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड), और टिबोर कपु (हंगरी) शामिल हैं, आज शाम 4:30 बजे IST पर ISS से अनडॉक करेंगे। SpaceX का ड्रैगन कैप्सूल, जिसका नाम ‘ग्रेस’ है, फ्लोरिडा तट के पास समुद्र में नियंत्रित स्प्लैशडाउन के साथ 15 जुलाई 2025 को पृथ्वी पर उतरेगा। यह कैप्सूल 3,800 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन करने में सक्षम है, जो पुनः प्रवेश के दौरान उत्पन्न होता है।

माता-पिता का उत्साह और प्रार्थना
लखनऊ में शुभांशु के माता-पिता, शंभू दयाल शुक्ला और आशा शुक्ला, अपने बेटे की वापसी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में पिता शंभू दयाल ने कहा, “हम बहुत उत्साहित हैं। हमने सुबह मंदिर में पूजा की और भोलेनाथ से प्रार्थना की कि हमारा बेटा और उसका दल सुरक्षित लौटे। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि शुभांशु ने इतिहास रचा। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा ऐसी ऊंचाइयों को छुएगा।” मां आशा शुक्ला ने कहा, “हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर जल्द हमसे मिले। हम उनका भव्य स्वागत करेंगे।”

मिशन की उपलब्धियां
शुभांशु ने ISS पर 18 दिन के प्रवास के दौरान ISRO द्वारा डिज़ाइन किए गए सात सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोग किए, जिनमें मांसपेशियों की गिरावट, माइक्रोएल्गी की वृद्धि, और फसल के बीजों पर अंतरिक्ष के प्रभावों का अध्ययन शामिल था। इसके अलावा, उन्होंने NASA और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जो कैंसर अनुसंधान, स्टेम सेल अध्ययन, और अंतरिक्ष में फसल उगाने की संभावनाओं पर केंद्रित थे। शुभांशु ने कहा, “मैं भारत और अंतरिक्ष स्टेशन के बीच एक सेतु बनकर गर्व महसूस करता हूं।”

ऐतिहासिक महत्व
शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत सोयुज़ मिशन के तहत सैल्यूट-7 स्टेशन का दौरा किया था। Axiom-4 मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम, विशेष रूप से गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका पहला मानवयुक्त उड़ान 2026 में प्रस्तावित है।

लखनऊ में उत्साह
शुभांशु के गृहनगर लखनऊ में उनके स्कूल, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS), ने उनकी उपलब्धि का जश्न मनाया। CMS की अध्यक्ष गीता गांधी किंगडन ने कहा, “हम सभी गर्व से भरे हैं। शुभांशु ने न केवल लखनऊ बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है।” शुभांशु की पत्नी कामना मिश्रा, जो पेशे से डेंटिस्ट हैं, और उनके छह वर्षीय बेटे कियाश भी उनकी वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

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