विटामिन डी की कमी से बचे, सर्दियों में करना पड़ सकता है इन दिक्कतों का सामना

मानव के शरीर को पर्याप्त पोषक तत्वों की जरुरत हमेशा रहती है, उनमें मिनरल्स, विटामिन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स इत्यादि शामिल है। जो मानव को आवश्यकतानुसार लेते रहना चाहिए। अन्यथा इन तत्वों की कमी से कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सर्दियों का मौसम आ चुका है, इसमें आपको विटामिन डी की कमी नहीं होनी देनी चाहिए।

विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत सूरज को माना जाता है। जब सूरज स्किन के संपर्क में आता है तब वह विटामिन डी प्रॉड्यूस करता है। लेकिन आजकल बाजार में विटामिन डी युक्त खाघ पदार्थ और सप्लीमेंट्स होने के कारण से लोग उससे भी पूर्ती कर सकते है। विटामिन डी का पर्याप्त स्तर शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण को कंट्रोल करने में मद्द करता है। इसके साथ ही यह इम्यून फंक्शन को भी दुरस्त करता है।

शरीर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन इस विटामिन की कमी से ऐसे कई लक्षण होते है, जिन्हें खासतौर पर सर्दियों में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। विटामिन डी को सनशाइन विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। सनशाइन विटामिन का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्त्रोत सिर्फ सूरज की रोशनी ही है जिसे लोगों को जमकर उपयोग करना चाहिए। यह विटामिन बॉडी फंक्शन को हेल्दी रखने में विटामिन डी मुख्य भूमिका निभाता है। यह एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसका मुख्य स्त्रोत हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन के अलावा सूरज की रोशनी भी है। सूरज की रोशनी शरीर में इस विटामिन के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्त्रोत है। इस भागदौड़ भरी दिनचर्यां में अक्सर ऐसा होता है जब हम विटामिन और खनिजों से होने वाले लाभों को नजरअंदाज कर देते हैं। इस बात का ध्यान तब आता है, जब हम अपने शरीर में भारी बदलाव का अनुभव करते हैं।

विटामिन डी की मुख्य भूमिका-
इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि हमारी स्किन सूरज की रोशनी के संपर्क में आकर विटामिन डी प्रॉड्यूस करती है। लेकिन हम विटामिन डी युक्त खाघ पदार्थ और सप्लीमेंट्स के माध्यम से भी इसकी पूर्ती कर सकते है। विटामिन डी का पर्याप्त स्तर शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह इम्यून फंक्शन को दुरुस्त करने के साथ-2 विभिन्न संक्रमणों, बीमारियों से लड़ने, हड्डियों और दांतों के विकास में सहायक होता है। इन फायदों के अलावा, विटामिन डी तनाव और चिंता को कम करने और मूड को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। इसके अतिरिक्त अध्ययनों से पता चला है कि यह वजन घटाने में भी मद्दगार साबित हो सकता है।

विटामिन डी की कमी से उत्पन्न समस्या-
इस बात को नजरअंदाज नही कर सकते है कि विटामिन डी के कई सारे फायदे हैं। लेकिन इसकी कमी से कई समस्याएं जैसे कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। खासतौर से सर्दियों के मौसम में ऐसा हो सकता है, क्योंकि इस समय मौसम का कोई भरोसा नहीं होता। कभी कोहरा होता है तो कभी धुंध छाई रहती है। जिसके कारण धूप मिल पाना मुश्किल हो सकता है। जहां तक बात की जाए विटामिन की कमी की को इससे होने वाली समस्या बहुत छोटी और लगभग अदृश्य हो सकती है, इसकी काफी संभावना है कि आपने इसे नजरअंदाज भी किया हो। टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन डी के कमी के ऐसे कई लक्षण होते हैं, जिन्हें खासतौर पर सर्दियों में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

हड्डियों में दर्द-
विटामिन डी की कमी से रिकेट्स (Rickets) हो सकता है, यह विकार बच्चों की मुलायम और सॉफ्ट हड्डियों को अपना शिकार बनाता है। वैज्ञानिक तौर पर, विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है, जो हड्डियों का निर्माण करता है और उन्हें मजबूती देता है। वयस्कों में, कमजोर और कोमल हड्डियों का विकास ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति से जुड़ा हो सकता है।

थकान और कमजोरी-
विटामिन डी की कमी से पीड़ित को अक्सर सामान्य थकान (Fatigue) और कमजोरी (Weakness) का अनुभव होता है। जिसके कारण वो अपने दैनिक कार्यों को करने की लिमिट कम कर देते हैं। The Patient UK की मानें तो कमजोर हुईं मासपेशियों के कारण पीड़ित को सीढ़ियां चढ़ने-उतरने, फर्श या कम ऊंचाई वाली कुर्सी से उठने में भी कठिनाई होती है। यहां तक की पीड़ित लड़खड़ाते कदमों से चलने लगते हैं।

शरीर में विटामिन डी के निम्न स्तर का पता लगाने का अचूक तरीका-
ब्लड टेस्ट (Blood test) के जरिए आप शरीर में विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency) का पता लगा सकते हैं। इसमें 2 प्रकार के ब्लड टेस्ट होते हैं जो विटामिन डी की कमी की पुष्टी करते हैं। सबसे आम 25-हाइड्रॉक्सीविटामिन डी है, जिसे संक्षेप में 25 (ओएच) डी के रूप में जाना जाता है।

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