पटाखा फैक्ट्री में फटा बारूद, जद में आए लोगों का उड़ा चिथड़ा

उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु देश भर से इन दिनों अग्नि कांड के मामले ढेरों सामने आ रहे हैं। आखिर कार ऐसी कौन सी लापरवाही बरती जा रही है, जिसका परिणाम अग्नि कांड में तब्दील हो जा रहा है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सहारपुर से सामने आया है।

दरअसल शनिवार को सहारन पुर से आगजनी का एक मामला सामने आई है, जहां शाम को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका होने के कारण 5 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। धमाके वाली जगह के एक किमी के दायरे में पुलिस रातभर शवों के टुकड़ों को खोज-खोजकर पॉलिथिन में इकट्ठा की है। अब DNA टेस्ट कराकर शवों की पहचान की जाएगी।

बता दें कि शनिवार शाम को सहारनपुर स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ। रात करीब 12 बजे तक 4 लोगों के शव मिलने की पुष्टि हुई है। बारूद फैक्ट्री में क्रमवार कई बार ब्लास्ट होने से आग लग गई है। इस दर्दनाक हादसे में फैक्ट्री मालिक राहुल के साथ-साथ 5 लोगों की मौत हो गई। धमाका इतान जोर का था कि उसके शोर से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने 3 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाई। इस आगजनी में करीब 6 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। इस हादसे मौत होने वाले लोगों के शवों का ने 4 बजे तक पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया है।

पुलिस से मिली ख़बर के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री मालिक राहुल समेत बलवंतपुर के सागर, सलेमपुर के वर्धन की शिनाख्त हुई है। दो शवों के टुकड़े मिले हैं, जिनके सिर नहीं है। पुलिस ने दावा करते हुए कही है कि ये टुकड़े बलवंतपुर के कार्तिक, सलेमपुर के सुमित के हैं। अब इन टुकड़ों के शिनाख्त के लिए DNA टेस्ट कराया जाएगा।

पटाखा फैक्ट्री मालिक समेत चार लोगों के शवों का अंतिम संस्कार रविवार सुबह 5 बजे तक किया गया। बता दें कि पुलिस पोर्स और LIU मौके पर मौजूद है। अब इस मामले की जांच ATS और LIU करेगी।

सीएम योगी ने हादसे पर गहरा दु:ख प्रकट किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सीएम योगी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का सही इलाज कराने के निर्देश दिए हैं।

डीएम ने इस मामले को लेकर सीएमओ डॉ. संजीव मांगलिक से बात की। ताकि घायलों को सही इलाज मिल सके। कुछ घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

गौरतलब है कि हर दिन कहीं अस्पताल, दुकान, फैक्ट्री, विभाग, होटल, रेस्तरां और मील इत्यादि जगहों से आगजनी की खबरें आती रहती हैं। ऐसे उद्यमों या संस्थानों को बनाते या खोलते वक्त कई मानकों को ध्यान में रखा जाता है, जिनमें से अग्नि शमन के मानक को भी ध्यान में रखा जाता है, ताकि भविष्य में बड़ी आगजनी से बचा जा सके।

आग लगने की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदार विभागों का कर्तव्य होता है कि वो अपने दायरे में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों व कल कारखानों में जाकर जांच परख करते रहें और लापरवाही पाए जाने पर उक्त संस्थान या कल-कारखानों के मालिक के खिलाफ उचित कार्रावाई करें।

लेकिन लाचारी की बात यह कि आज इन मुद्दों पर बात या चर्चा करने के लिए किसी के पास फुर्सत ही नहीं है। यदि कहीं आगजनी हो जाती है, तब जाकर जिम्मेदार अधिकारियों की नींद खुलती है, और उनके द्वारा उसी परंपरागत औपचारिकताओं की पुष्टि की जाती है।

LIVE TV