
आगरा में नकली दवाओं की कालाबाजारी का विशाल जाल 11 राज्यों तक फैला हुआ है, जहां नशे की दवाओं के अलावा सरकारी और एक्सपायर्ड दवाओं को री-पैकिंग कर बेचा जाता है। नशे के लिए तैयार कफ सिरप की कालाबाजारी बांग्लादेश तक पहुंच चुकी है।

एसटीएफ, औषधि विभाग और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की संयुक्त कार्रवाई में तीन मंजिला गोदामों से दवाएं ठसाठस भरी मिलीं। दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल तीन फर्मों के जरिए अवैध कारोबार चला रहा था। छापे के दौरान उसने एक करोड़ रुपये नकद रिश्वत का बैग टेबल पर रख दिया, ताकि टीम को रिश्वत देकर बच सके। लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया।
हे मां मेडिको का मोती कटरा स्थित तीन मंजिला गोदाम दवाओं से ठसाठस भरा मिला। सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि गोदाम में कई प्रकार की दवाएं मिलीं, जिनकी जांच के लिए कई जिलों के अधिकारी लगे हुए हैं। हिमांशु अग्रवाल ने परिजनों के नाम से तीन फर्में खोली हुई हैं: हे मां मेडिको प्राइवेट लिमिटेड (मुबारक महल मेडिकल स्टोर और मोती कटरा ब्रांच), केएनके फार्मा प्राइवेट लिमिटेड (अमिता अग्रवाल के नाम से, जो हिमांशु की परिजन हैं) और अन्य प्रतिष्ठान। इनकी जांच जारी है। एसटीएफ निरीक्षक यतेंद्र शर्मा ने कहा कि नकली दवाओं की खरीद-फरोख्त पार्सल और ट्रेनों से होती थी। कुरियर कंपनियों के कई कर्मचारी संदिग्ध हैं, जिनसे पूछताछ की गई। एक कर्मचारी को गिरफ्तार भी किया गया। तमिलनाडु के चेन्नई और पुडुचेरी से पार्सल के जरिए दवाएं मंगवाई जा रही थीं। रेलवे स्टेशनों के पार्सल काउंटरों की भी जांच की जा रही है।
पूछताछ में पता चला कि हिमांशु ने 10 साल पहले फव्वारा बाजार की छोटी दुकान से शुरुआत की, फिर मोती कटरा में गोदाम बनाया और कमला नगर में आलीशान कोठी व जमीनें खरीदीं। वर्ष 2022 में गुजरात में हवाला एजेंट पकड़े गए थे, तब आगरा से रकम भेजी गई थी, लेकिन जांच न होने से नेटवर्क बच गया। अब एसटीएफ पूरे नेटवर्क की पड़ताल में जुट गई है। आयकर विभाग ने भी रिश्वत की रकम पर जांच शुरू की। हिमांशु से पूछताछ में कई नाम सामने आए, जिनकी धरपकड़ के लिए टीमें लगी हैं।
आगरा से उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अलावा हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में दवाएं बेची जाती थीं। बीते 10 सालों में 300 करोड़ रुपये की दवाएं जब्त हुई हैं। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने कहा कि नकली दवाओं से सभी व्यापारी बदनाम हो रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से दवा माफिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। सहायक आयुक्त उपाध्याय ने बताया कि बीते दो साल में 40 दवाएं नकली पाई गईं। आगरा में कई फैक्टरियां भी पकड़ी जा चुकी हैं।
कार्रवाई का विवरण: शुक्रवार दोपहर 12 बजे छापेमारी शुरू हुई। शाम 6 बजे छह गोदामों पर पहुंची टीम ने रात 10 बजे चार गोदाम और मेडिकल स्टोर सील किए। शनिवार सुबह 11 बजे मोती कटरा गोदाम पर छापा मारा गया। रात 10 बजे हिमांशु एक करोड़ रुपये रिश्वत लेकर आया। रात 12 बजे उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
रविवार सुबह 10 बजे से देर रात तक जांच जारी रही। प्रमुख कार्रवाइयां: 2025 में नुनिहाई और ताजगंज में नशे की दवाएं पकड़ी गईं; 2024 में शास्त्रीपुरम और कमला नगर में नकली दवा फैक्टरियां; 2022 में मोहित बंसल की हिमाचल फैक्टरी; 2021 में आवास विकास और गढ़ी भदौरिया में री-पैकिंग यूनिट; 2019-2015 में कई गोदाम और गैंग पकड़े गए। सभी मामलों में कोर्ट में कार्रवाई चल रही है।