कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में आग के बाद मरीज सुरक्षित निकाले गए

कोलकाता। राज्य सरकार द्वारा संचालित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर में बुधवार को लगी आग पर पांच घंटों की मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका। पश्चिम बंगाल के मंत्री सोवन चटर्जी ने बताया कि इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है।

पश्चिम बंगाल के मंत्री

चटर्जी ने कहा कि सभी मरीजों को अस्पताल की प्रभावित बिल्डिंग से निकालकर अन्य वार्डो में भेजा गया।

पश्चिम बंगाल अग्निशमन एवं आपात सेवा के महानिदेशक जग मोहन ने कहा, “आग सुबह 7.58 बजे के आसपास ग्राउंड फ्लोर के एमसीएच बिल्डिंग में लगी। आग बुझाने के काम में 10 दमकल वाहनों को लगाया गया। स्थिति अब नियंत्रण में है।”

मोहन ने कहा, “आग लगने की शुरुआत ऐसी जगह से हुई जहां सभी गैस सिलेंडर, गॉज और पट्टियां रखी गई थीं। हमने इसके स्रोत का पता लगा लिया है और उसी के अनुसार काम कर रहे हैं। हम धुएं को निकालने वाले यंत्र का उपयोग कर रहे हैं। दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है।”

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इससे पहले घने धुएं को पुराने अस्पताल भवन से बाहर निकलते देखा गया था जिसमें कार्डियोलॉजी, हेमटोलॉजी और एंडोक्राइनोलॉजी विभाग हैं।

प्रभावित इमारत के सुपरवाइजर जयंत दास के मुताबिक, विभिन्न विभागों के 150 से ज्यादा मरीजों को बचाया गया।

आग लगने के चलते अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल देखकर कुछ मरीज और उनके रिश्तेदार दहशत में आ गए।

गंभीर रूप से बीमार कुछ मरीजों को पर्याप्त मात्रा में स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं होने की वजह से अस्पताल के कर्मचारियों ने अपने हाथों में उठाकर सुरक्षित निकाला।

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एक मरीज ने कहा, “मैं हृदय रोगी हूं, अस्पताल में आग लगने की बात सुनकर बेहद घबरा गया।”

एक और रोगी के एक रिश्तेदार ने कहा, “जैसै ही मैंने आग के बारे में सुना, हम बाहर निकल गए। लेकिन मुझे नहीं पता कि कब मैं रोगी को अंदर ले जा पाऊंगा क्योंकि डॉक्टर कुछ भी नहीं कह रहे हैं।”

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