नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नोटबंदी के खिलाफ उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने विभिन्न उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में नोटबंदी के खिलाफ इस तरह की सभी प्रक्रियाओं पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की पीठ ने कहा, “यह बताता है कि समस्या बहुत गंभीर है। लोग राहत के लिए उच्च न्यायालय जा रहे हैं। यह गंभीर मुद्दा है। उन्हें जाने दीजिए।”
सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। केंद्र सरकार ने कालाधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था।