विशाखापत्तनम में ‘बीच लव’ महोत्सव पर विवाद

बीच लव महोत्सव विशाखापत्तनम। इस तटीय शहर में प्रस्तावित बीच लव महोत्सव के आयोजन पर विवाद छिड़ गया है। माना जा रहा है कि दुनियाभर के नौ हजार से अधिक जोड़े विशाखापत्तनम में वर्जित धारणाओं को तोड़ते हुए बीच लव (समुद्र तट पर प्रेम प्रदर्शन) में शामिल होंगे।

इस बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि तेलुगू संस्कृति और परंपराओं के प्रतिकूल किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अधिकारियों ने 12-14 फरवरी (वैलेंटाइन डे) के दौरान बीच (समुद्र तट) पर आयोजित होने वाले इस प्रस्तावित कार्यक्रम संबंधी कुछ मीडिया रिपोर्टों की अटकलों को संज्ञान में लेते हुए इसे लोगों की सांस्कृतिक संवेदना को चोट पहुंचाने वाला करार दिया गया है।

आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम और विशाखापत्तनम नगर निगम इसे गलत सूचना वाला अभियान करार देते हुए इसकी निंदा की।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “ऐसा माना जा रहा है कि दुनियाभर के नौ हजार से अधिक जोड़े विशाखापत्तनम में वर्जित धारणाओं को तोड़ते हुए बीच लव (समुद्र तट पर प्रेम प्रदर्शन) में शामिल होंगे और सरकार द्वारा मंजूर निजी कार्यक्रम के अयोजन को लेकर तैयारियां चल रही हैं।”

यह स्पष्ट हो चुका है कि सरकार को एक निजी एजेंसी से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए फरवरी 2017 में आयोजित होने वाले इस बड़े कार्यक्रम का प्रस्ताव मिला था। इसके बाद कार्यक्रम के प्रबंधकों से संपर्क बनाए रखने के लिए सरकार ने एक समिति का भी गठन किया था।

बयान के अनुसार, “अभी तक निजी एजेंसी ने प्रस्तावित कार्यक्रम संबंधी ब्लूप्रिंट (खाका) कथित समिति के समक्ष पेश नहीं किया है और जब यह होगा तो समान मानक प्रक्रिया के अनुसार, इसकी जांच पड़ताल की जाएगी।”

ऐसा ही कार्यक्रम गोवा में आयोजित कर चुकी मुंबई की इस एजेंसी ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

महिला संगठनों ने इस प्रस्तावित कार्यक्रम का पुरजोर विरोध किया है।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी सहित राजनीतिक पार्टियों ने भी इस प्रस्ताव की निंदा की है। उन्होंने कहा कि राज्य की संस्कृति को धूमिल करने वाले ऐसे कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दी जा सकती। सरकार ने साफ कर दिया कि वह ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन को हरी झंडी नहीं दिखाएगी।

भाजपा नेता और स्थानीय विधायक पी. विष्णुकुमार राजू ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन को अनुमति देने का सवाल ही नहीं उठता।

विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता आर. के. रोजा ने कहा, “चाहे कुछ भी हो जाए, हम इस कार्यक्रम के आयोजन को अनुमति नहीं देंगे।”

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