
मास्को: पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त रूसी दिग्गज मारिया शारापोवा के वकील जॉन हैगर्टी ने कहा है कि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) ने शारापोवा के डोपिंग मामले में लापरवाही से काम लिया।
समाचार एजेंसी तास के अनुसार हैगर्टी ने मंगलवार को कहा, “कुल मिलाकर सीएएस का फैसला आईटीएफ के लिए तिरस्कार वाला है और इससे आईटीएफ के निर्णय की पोल खुल जाती है, क्योंकि वह पूरी तरह मनगढ़ंत था।”
स्विट्जरलैंड के लुसाने में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी खेल अदालत ने मंगलवार को शारापोवा की याचिका पर फैसले सुनाते हुए उन पर लगे दो वर्ष के प्रतिबंध को घटाकर 15 महीने का कर दिया।
सीएएस के इस फैसले से अब शारापोवा अगले वर्ष 26 अप्रैल से टेनिस कोर्ट पर वापसी कर सकेंगी।
हैगर्टी ने कहा, “सीएएस ने आईटीएफ के निर्णय को गलत ठहराया और इस तरह का एक और मामला बढ़ गया और इससे एक बार फिर साबित हुआ है कि आईटीएफ का निर्णय गलत था।”
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष आस्ट्रेलियन ओपन के दौरान शारापोवा के डोप टेस्ट में मेल्डोनियम की मौजूदगी पाई गई थी, जिसे वाडा ने अपने प्रतिबंधित पदार्थो की सूची में हाल ही में शामिल किया था।
इसके बाद आईटीएफ ने मारिया शारापोवा पर दो वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया, जिसके चलते वह रियो ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले सकीं।