
देहरादून के सेलाक्वी इलाके में युवकों के दो गुटों के बीच हुई झड़प में घायल त्रिपुरा निवासी एंजेल चकमा की शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

देहरादून के सेलाक्वी इलाके में युवकों के दो गुटों के बीच हुई झड़प में घायल त्रिपुरा निवासी एंजेल चकमा की शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 6 आरोपियों में से पुलिस ने 5 को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से 2 नाबालिगों को कानून के उल्लंघन में शामिल होने के बाद सुरक्षात्मक हिरासत में भेज दिया गया। देहरादून पुलिस ने मामले की जांच करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया नस्लीय हिंसा का कोई सबूत नहीं मिला है।
देहरादून पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान नेपाल निवासी एक अन्य आरोपी का नाम भी सामने आया है। घटना के बाद से वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को 25,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है और अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। पुलिस टीमें उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
पुलिस ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट मिली हैं जिनमें इस घटना को नस्लीय भेदभाव से जोड़ा गया है। हालांकि, अभी तक की जांच में नस्लीय भेदभाव या हिंसा का कोई सबूत नहीं मिला है। घटना वाले दिन, 9 दिसंबर 2025 से लेकर 26 दिसंबर तक, किसी ने भी नस्लीय दुर्व्यवहार या हिंसा की कोई घटना पुलिस या मीडिया को रिपोर्ट नहीं की।
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि एफआईआर में भी इस तरह के किसी आरोप का जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा, “सामने आए तथ्यों के अनुसार, 9 दिसंबर 2025 को देहरादून में रहने वाले मणिपुर निवासी सूरज खवास की जन्मदिन पार्टी के दौरान दोस्त मजाक कर रहे थे। कुछ टिप्पणियों को पीड़ित के समूह ने आपत्तिजनक माना, जिसके कारण बहस हुई। इसके बाद हाथापाई हुई जिसमें एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल चकमा घायल हो गए। उन्होंने आगे बताया कि बाद में इलाज के दौरान चोटों के कारण एंजेल की मौत हो गई।





