अफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष: ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की, बोले- ‘मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं’

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें “युद्ध सुलझाना पसंद है”, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ने ही काबुल पर हमला किया है। 79 वर्षीय ट्रंप ने दावा किया कि अगर वे इस संघर्ष को सुलझाते हैं, तो यह उनका नौवां युद्ध होगा। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले अमेरिका को चलाना जरूरी है।

ट्रंप ने कहा, “हालांकि मुझे समझ है कि पाकिस्तान ने हमला किया है, या अफगानिस्तान के साथ कोई हमला चल रहा है। मेरे लिए इसे सुलझाना आसान होगा अगर मुझे करना पड़े। लेकिन इस बीच, मुझे अमेरिका चलाना है। लेकिन मुझे युद्ध सुलझाना पसंद है। आप जानते हैं क्यों? मुझे लोगों की जान बचाना अच्छा लगता है, और मैंने लाखों-करोड़ों जिंदगियां बचाई हैं।” यह बयान गाजा युद्ध को सुलझाने के बाद आया है, जिसे ट्रंप ने अपनी आठवीं सफलता बताया। उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को सुलझाने का भी दावा किया, हालांकि नई दिल्ली ने हमेशा तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। ट्रंप ने 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर भी निराशा जताई, जो वेनेजुएला की नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया।

अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने कथित तौर पर काबुल में हवाई हमला किया, जिसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बनाया गया। टीटीपी के नेता नूर वाली मेहसूद को मुख्य लक्ष्य बताया गया, हालांकि टीटीपी ने दावा किया कि वे जिंदा हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर टीटीपी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया है, जबकि काबुल ने इनकार किया। इसके जवाब में तालिबान सरकार ने दु रांड लाइन के साथ कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया और कई सैनिकों को मार गिराया।

इसके बाद पाकिस्तान ने 48 घंटे का युद्धविराम घोषित किया, लेकिन शुक्रवार को यह समाप्त होते ही पाकिस्तानी सेनाओं ने फिर हमला किया, जिसमें आठ लोग मारे गए, जिनमें तीन अफगान क्रिकेटर शामिल थे। इस घटना के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ होने वाली त्रिकोणीय टी20 सीरीज रद्द कर दी, जो नवंबर में लाहौर और रावलपिंडी में होनी थी। एसीबी ने इसे “पाकिस्तानी शासन का कायरतापूर्ण हमला” बताया।

क्रिकेटरों की मौत पर शोक
पक्तिका प्रांत के उर्गुन जिले में हुए हवाई हमले में तीन घरेलू क्रिकेटर कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून शहीद हो गए, जबकि सात अन्य घायल हुए। ये खिलाड़ी शराना में एक मैत्रीपूर्ण मैच खेलने गए थे और लौटकर एकत्रित होने पर निशाना बने। अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान ने इसे “बर्बर और अनैतिक” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह त्रासदी महिलाओं, बच्चों और युवा क्रिकेटरों की जिंदगियां ले चुकी है, जो अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखते थे। नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमला मानवाधिकारों का उल्लंघन है।” राशिद ने एसीबी के फैसले का समर्थन किया और कहा कि राष्ट्रीय गरिमा सर्वोपरि है।

संघर्ष का इतिहास
यह संघर्ष 9 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब पाकिस्तान ने काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले किए। अफगानिस्तान ने इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताया। 11-12 अक्टूबर को दु रांड लाइन पर भारी झड़पें हुईं, जिसमें दोनों पक्षों ने दर्जनों सैनिकों की मौत का दावा किया। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर टीटीपी को समर्थन देने का आरोप लगाया, जबकि काबुल ने पाकिस्तान पर भारत के प्रॉक्सी के रूप में तालिबान को कमजोर करने का इल्जाम लगाया। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल दोहा में शांति वार्ता कर रहे थे, लेकिन युद्धविराम टूट गया।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप की मध्यस्थता का स्वागत किया और कहा कि ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने युद्ध रोके। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष दक्षिण एशिया के बारूद के ढेर को भड़का सकता है।

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