
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक नवविवाहिता ने अपने पति पर शारीरिक अक्षमता (नपुंसकता) का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने ससुर पर भी अवैध संबंध बनाने का दबाव डालने और विरोध करने पर बंधक बनाने का आरोप लगाया है।
यह घटना 1 मार्च 2025 को एटा जिले के थाना जैथरा क्षेत्र के एक युवक से हुई शादी से जुड़ी है। पीड़िता की मां ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर एसपी गणेश प्रसाद साहा के निर्देश पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 354 (महिला का अपमान), 506 (धमकी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले की रहने वाली विधवा महिला ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री की शादी एटा के थाना जैथरा के एक युवक से की थी। शादी के बाद जब बेटी ससुराल गई, तो पति ने शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया और दूर-दूर रहने लगा। पहली विदाई पर बेटी घर लौटी, लेकिन दूसरी विदाई पर भी यही स्थिति रही। पूछताछ पर पति ने बीमारी का बहाना बनाया। कुछ दिनों बाद खुलासा हुआ कि पति शारीरिक रूप से अक्षम (नपुंसक) है। इस बात से नवविवाहिता सदमे में आ गई और उसने सास-ससुर को बताया।
मां के अनुसार, इसके बाद ससुर ने बहू पर अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालना शुरू कर दिया। सास ने भी इस कृत्य का समर्थन किया। जब पीड़िता ने इनकार किया, तो ससुराल पक्ष ने 25 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी।
समझाने पर भी वे नहीं माने। 28 अप्रैल 2025 को चाय परोसते समय ससुर ने अश्लील हरकत की और संबंध बनाने का प्रयास किया। विरोध पर पीड़िता को कमरे में बंद कर बंधक बना लिया गया। हताश होकर वह किसी तरह ससुराल से भाग निकली। पहले एटा के जैथरा थाने में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर मैनपुरी मायके आ गई।
पीड़िता की मां ने कहा, “बेटी के भविष्य को बचाने के लिए हम चुप थे, लेकिन अब न्याय मिलना जरूरी है। ससुराल वालों ने धमकी दी कि अगर बात फैली तो बेटी को बदनाम कर देंगे।” पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज किया है और ससुराल पक्ष से पूछताछ शुरू कर दी है। एसपी साहा ने कहा, “मामला संवेदनशील है। पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
यह मामला महिलाओं के खिलाफ पारिवारिक उत्पीड़न और वैवाहिक धोखाधड़ी को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(iii) के तहत नपुंसकता आधार पर तलाक का प्रावधान है, लेकिन यौन उत्पीड़न के आरोपों पर तत्काल जांच जरूरी है। पीड़िता को काउंसलिंग और कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।