
मथुरा-आगरा क्षेत्र के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज (जिन्हें ‘पूकी बाबा’ भी कहा जाता है) लड़कियों की शादी की उम्र पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में फिर सुर्खियों में हैं।
जुलाई 2025 में उनके एक प्रवचन के दौरान दिए गए बयान—जिसमें उन्होंने कहा कि “14 साल की उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती थी और 25 साल की होने पर उनका ‘यौवन फिसल जाता है’ तथा अविवाहित महिलाओं का चरित्र ढीला होता है”—ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था। इस बयान को महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और पितृसत्तात्मक बताते हुए हिंदू महासभा की आगरा जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। सोमवार (6 अक्टूबर 2025) को आगरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जहां दोनों पक्षों ने दलीलें रखीं।
मीरा राठौर ने बताया कि अनिरुद्धाचार्य के बयान ने महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और यह आईपीसी की धारा 294 (अश्लील कृत्य), 509 (महिलाओं का अपमान) तथा एससी/एसटी एक्ट जैसी धाराओं के तहत अपराध है। उन्होंने 7 अगस्त 2025 को अपने वकील के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। 24 सितंबर को पहली सुनवाई हुई, जिसमें अनिरुद्धाचार्य के पक्ष से हाईकोर्ट के दो वकील (निशांत शर्मा और अंकित अग्रवाल) पहुंचे। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि बयान वायरल वीडियो में स्पष्ट है और सार्वजनिक रूप से दिया गया था, जो समाज में नफरत फैलाने वाला है। दूसरी ओर, अनिरुद्धाचार्य के वकीलों ने कहा कि बयान का गलत अर्थ निकाला गया, यह धार्मिक संदर्भ में था और उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है। उन्होंने दावा किया कि मीडिया ने वीडियो एडिट करके विवाद खड़ा किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो जल्द ही सुनाया जाएगा। यदि मुकदमा दर्ज होता है, तो पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जा सकता है।
यह मामला जुलाई में तब भड़का जब अनिरुद्धाचार्य के प्रवचन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उन्होंने कहा था, “पुराने जमाने में 14 साल की उम्र में शादी हो जाती थी, अब 25 साल हो गईं तो क्या बचा?” इस पर महिलाओं के अधिकार संगठनों, वकीलों और सोशल मीडिया यूजर्स ने कड़ी निंदा की। मथुरा बार एसोसिएशन की महिला वकीलों ने उनके पुतला फूंका और केस दर्ज करने की मांग की। अनिरुद्धाचार्य ने 7 अगस्त को सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था, बल्कि युवाओं को अनुशासित जीवन की सलाह थी। उन्होंने वीडियो संदेश में माफी मांगी, लेकिन जोड़ा कि “कुछ महिलाओं के लिए कहा, सभी के लिए नहीं।” हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने भी टिप्पणी की कि “कुछ किताबें पढ़कर कोई भी कथावाचक बन जाता है।”
यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य विवादों में घिरे हैं। अगस्त 2025 में उन्होंने अविवाहित महिलाओं पर “ढीला चरित्र” वाली टिप्पणी की, जिसके लिए भी माफी मांगी। उनके गौरी गोपाल आश्रम (वृंदावन) से जुड़े चैरिटी कार्यों की तारीफ होती है, लेकिन ऐसे बयान उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मीरा राठौर ने कहा, “यदि कोर्ट ने मुकदमा दर्ज किया, तो यह महिलाओं के सम्मान की जीत होगी।” कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो कानूनी रूप से महत्वपूर्ण होगा।