यूपी में चार साल में दोगुनी हुई करोड़पतियों की संख्या, देश में छठा स्थान: मर्सिडीज-बेंज और हुरुन रिसर्च रिपोर्ट

मर्सिडीज-बेंज और हुरुन रिसर्च की ‘मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, उत्तर प्रदेश (यूपी) में पिछले चार साल में करोड़पति परिवारों की संख्या दोगुनी होकर 57,700 तक पहुंच गई है, जो इसे देश का छठा सबसे अमीर राज्य बनाता है।

इन करोड़पति परिवारों की न्यूनतम संपत्ति 8.5 करोड़ रुपये (1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है। यह वृद्धि यूपी की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 10 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ मेल खाती है, जो 2017 में 12.71 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

लखनऊ और यूपी के अन्य शहरों में धनवानों की स्थिति
लखनऊ में 2,900 करोड़पति परिवार हैं, जो इसे देश में 14वें स्थान पर रखता है। लखनऊ के बाद यूपी के प्रमुख शहरों में कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा, मेरठ, अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और झांसी में भी धनवानों की संख्या उल्लेखनीय है। छोटे शहर जैसे बांदा, इटावा, सीतापुर, बाराबंकी, महाराजगंज, आजमगढ़, बरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर में भी अमीर परिवारों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है, जो राज्य में धन के व्यापक वितरण को दर्शाता है।

यूपी की आर्थिक प्रगति और जीएसडीपी
यूपी की जीएसडीपी में पिछले आठ वर्षों में 141% की वृद्धि हुई है, जो 2017 के 12.71 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि मार्च 2025 तक यह 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जिससे यूपी भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह वृद्धि बेहतर कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढांचे के विकास, और निवेश के लिए अनुकूल माहौल के कारण संभव हुई है। राज्य ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के माध्यम से 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए, जो 1 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।

राष्ट्रीय परिदृश्य और अन्य राज्यों की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2025 तक 8,71,700 करोड़पति परिवार हैं, जो 2021 के 4,58,000 से 90% की वृद्धि दर्शाता है। ये परिवार कुल भारतीय परिवारों का 0.31% हैं। देश के शीर्ष 10 राज्यों में 79% से अधिक करोड़पति परिवार रहते हैं, जिनमें महाराष्ट्र (1,78,600), दिल्ली (79,800), तमिलनाडु (72,600), कर्नाटक (68,800), और गुजरात (68,300) शीर्ष पांच में शामिल हैं। यूपी 57,700 करोड़पति परिवारों के साथ छठे स्थान पर है, इसके बाद तेलंगाना (51,700), पश्चिम बंगाल (50,400), राजस्थान (33,100), और हरियाणा (30,500) हैं।

तेलंगाना में करोड़पति परिवारों की संख्या में 138% की वृद्धि सबसे तेज रही, जो तकनीक और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों में प्रगति का परिणाम है। हरियाणा में 91% और यूपी, पश्चिम बंगाल, और राजस्थान में क्रमशः 58%, 76%, और 58% की वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि बढ़ते कारोबारी माहौल, स्टॉक मार्केट में 70% की उछाल (निफ्टी 50), और सोने की कीमतों में लगभग दोगुनी वृद्धि (94,000 रुपये प्रति 10 ग्राम) से प्रेरित है।

धन सृजन के कारण और रुझान
रिपोर्ट में मर्सिडीज-बेंज हुरुन इंडिया इंडेक्स (MBHX) पेश किया गया, जो जीडीपी वृद्धि, सेंसेक्स प्रदर्शन, अरबपतियों की संख्या, और मर्सिडीज-बेंज की बिक्री को मापता है। यह इंडेक्स 2017 से 200% बढ़ा है, जो भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है। यूपी में धन सृजन को बढ़ावा देने वाले कारकों में शामिल हैं:

  • कानून-व्यवस्था में सुधार: माफिया और संगठित अपराध पर लगाम लगाने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
  • धार्मिक पर्यटन: अयोध्या, काशी, और मथुरा जैसे तीर्थस्थलों में पर्यटन बूम ने आर्थिक विकास को गति दी।
  • डिजिटल क्रांति: 2024-25 में यूपी में 1,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन, जिनमें से आधे यूपीआई के माध्यम से हुए, ने पारदर्शिता और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाया।
  • निवेश और बुनियादी ढांचा: गंगा एक्सप्रेसवे और जेवर हवाई अड्डा जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स ने यूपी को निवेश का केंद्र बनाया।

हुरुन इंडिया के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, “पिछले एक दशक में भारत में 1 मिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति वाले परिवारों की संख्या 445% बढ़ी है, जो धन सृजन के लोकतंत्रीकरण को दर्शाता है। यूपी जैसे राज्यों में यह वृद्धि विशेष रूप से प्रभावशाली है।”

लखनऊ और छोटे शहरों का योगदान
लखनऊ, यूपी का आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र, 2,900 करोड़पति परिवारों के साथ देश के शीर्ष 15 शहरों में शामिल है। छोटे शहरों में भी धन सृजन की गति तेज हुई है, जो राज्य की समावेशी आर्थिक प्रगति को दर्शाता है। इन शहरों में स्थानीय उद्यमिता, रियल एस्टेट, और छोटे-मझोले व्यवसायों का योगदान महत्वपूर्ण है।

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