
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने 25 सितंबर 2025 को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक गुप्त बैठक की। यह बैठक प्रेस के लिए बंद थी और इसे अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में हालिया गर्मजोशी का प्रतीक माना जा रहा है। ट्रंप ने बैठक से पहले दोनों नेताओं को “महान नेता” करार देते हुए उनकी तारीफ की।
यह पहली बार था जब शहबाज शरीफ ने किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में मुलाकात की, और यह 2019 में इमरान खान की यात्रा के बाद किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पहली ओवल ऑफिस यात्रा थी।
शहबाज शरीफ शाम 4:52 बजे व्हाइट हाउस के वेस्ट एक्जीक्यूटिव एवेन्यू प्रवेश द्वार पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने किया। उनके साथ सेना प्रमुख आसिम मुनीर थे। बैठक में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद थे। चर्चा में द्विपक्षीय संबंध, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा, और वैश्विक चुनौतियां जैसे विषय शामिल थे। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र के दौरान हुई, जहां शरीफ ने ट्रंप के साथ मंगलवार को आठ अरब और मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ एक संक्षिप्त मुलाकात भी की थी, जिसमें इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
हालांकि, खबरों के अनुसार, शरीफ और मुनीर को ट्रंप से मिलने के लिए लगभग 30 मिनट तक इंतजार करना पड़ा, क्योंकि ट्रंप उस समय कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर रहे थे और प्रेस से बात कर रहे थे। ट्रंप ने मजाक में कहा, “वे शायद अभी इस कमरे में हैं, मुझे नहीं पता, क्योंकि हम देर से हैं।”
बैठक का पृष्ठभूमि और महत्व
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार देखा जा रहा है, खासकर मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य तनाव के बाद, जिसमें ट्रंप ने युद्धविराम की मध्यस्थता का दावा किया था। पाकिस्तान ने इस युद्धविराम के लिए ट्रंप को श्रेय देते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया, जबकि भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि युद्धविराम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी बातचीत से हुआ।
इससे पहले, जून 2025 में ट्रंप ने आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया था, जो एक असामान्य कदम था, क्योंकि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले कभी केवल पाकिस्तानी सेना प्रमुख को बिना नागरिक नेतृत्व के बुलाया था। इस बैठक को भारत में आलोचना का सामना करना पड़ा, और भारतीय रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने इसे पाकिस्तान के लिए “शर्मनाक” बताया, क्योंकि शहबाज शरीफ को उस समय आमंत्रित नहीं किया गया था।
चर्चा के प्रमुख बिंदु
- व्यापार और आर्थिक सहयोग: अमेरिका और पाकिस्तान ने जुलाई 2025 में एक व्यापार समझौता किया, जिसमें पाकिस्तान के आयात पर 19% की कम टैरिफ दर और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के “विशाल तेल भंडार” को विकसित करने में सहायता शामिल है। 8 सितंबर को इस्लामाबाद में दो समझौता पत्रों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें से एक अमेरिकी कंपनी द्वारा पाकिस्तान के महत्वपूर्ण खनिज और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों में $500 मिलियन के निवेश से संबंधित था।
- क्षेत्रीय सुरक्षा: बैठक में अफगानिस्तान में बगराम एयर बेस की रणनीतिक महत्वता और इजरायल-हमास युद्ध पर चर्चा हुई। ट्रंप ने पाकिस्तान की भूमिका को रेखांकित किया, खासकर अगस्त 2021 में काबुल हवाई अड्डे पर हुए एबे गेट बम विस्फोट के संदिग्ध को पकड़ने में।
- भारत-पाकिस्तान तनाव: ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे भारत ने खारिज किया। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि युद्धविराम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी बातचीत का परिणाम था।
- ईरान और क्षेत्रीय स्थिरता: ट्रंप ने मुनीर के साथ ईरान पर भी चर्चा की, और कहा कि पाकिस्तान ईरान को “अच्छी तरह जानता है” और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चिंतित है। पाकिस्तान ने जून में इजरायल के ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमलों की निंदा की थी।
भारत के साथ तनाव
यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के बीच हुई, जो भारत के रूस से तेल खरीदने और ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाने के कारण बढ़ा है। ट्रंप ने भारत को रूस-यूक्रेन युद्ध को “वित्तपोषण” करने का आरोप लगाया है। हालांकि, ट्रंप ने हाल ही में कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापार वार्ता को लेकर आशान्वित हैं।